Indian Students In USA: हर साल दूसरे देशों के मुकाबले ज़्यादा भारतीय छात्र उच्च शिक्षा के लिए अमेरिका का रुख करते हैं। लेकिन, अब इस संबंध में एक नई तरह की अनिश्चितता का माहौल बन गया है। कुछ छात्रों का कहना है कि वीज़ा के लिए आवेदन करने वाले विदेशी नागरिकों के इंटरव्यू पर प्रतिबंध लगाने जैसे कथित फैसलों ने उन्हें दुविधा में डाल दिया है। ये चिंताएं उन छात्रों में ज़्यादा देखी जा रही हैं जो इस साल अमेरिका में पढ़ाई के लिए अप्लाई कर रहे हैं।
सोशल मीडिया ‘साफ’ करने की जुगत
बताया जा रहा है कि अमेरिकी स्टेट डिपार्टमेंट द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल की जांच करने की बात कहे जाने के बाद, कुछ लोग अपनी सोशल मीडिया फीड को ‘साफ’ करने में लगे हैं। वे कुछ अकाउंट्स को अनफॉलो कर रहे हैं और कई जगहों से अपनी पुरानी टिप्पणियां हटा रहे हैं। वहीं, कई छात्र एन्क्रिप्टेड ग्रुप चैट्स के ज़रिए खबरें और जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। कुछ छात्र तो वहां जाने के बाद भी अपने लिए कुछ बैकअप प्लान तलाश रहे हैं, ताकि किसी भी अनिश्चितता से निपट सकें।
अमेरिका में पढ़ाई को लेकर बढ़ी चिंता
‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, 28 वर्षीय कौशिक शर्मा ने बताया, “मैंने अमेरिका के टॉप पॉलिसी प्रोग्राम्स में एंट्री पाने के लिए अपनी प्रोफाइल बहुत ध्यान से बनाई है।” उन्होंने अमेरिका में रिसर्च करने के अपने सपने के बारे में बताया, लेकिन उनका कहना है कि मौजूदा माहौल उन्हें आवेदन करने को लेकर घबरा रहा है। उन्होंने कहा, “मैं वहां जाकर लगातार डर के माहौल में नहीं रहना चाहता।” कौशिक के अनुसार, वह अब ब्रिटेन और सिंगापुर के विश्वविद्यालयों में इसी तरह के पब्लिक पॉलिसी प्रोग्राम्स पर विचार कर रहे हैं।
क्या छात्रों का सपना बीच में लटक जाएगा
इस मामले पर करियर काउंसलर करण गुप्ता ने बताया कि उन्हें पिछले कुछ दिनों में कई फोन कॉल्स आए हैं। उन्होंने कहा, “ऐसे छात्र हैं जिनके पास एडमिशन लेटर तो हैं, लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि उन्हें वीज़ा अपॉइंटमेंट मिल पाएगा या नहीं।” वहीं, अमेरिका में रह रहे छात्र अपने वीज़ा स्टेटस को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिकी स्कूलों में पढ़ रहे विदेशी छात्रों में से एक तिहाई या करीब 3,30,000 छात्र भारत से हैं। शैक्षणिक वर्ष 2023-24 में यह संख्या और बढ़कर चीन से भी आगे निकल गई है।
वीज़ा प्रक्रिया और सुरक्षा जांच
बता दें कि मई 2020 में भी, अमेरिकी प्रशासन ने एक नीति जारी की थी जिसमें कहा गया था कि अगर विश्वविद्यालयों में केवल ऑनलाइन कक्षाएं होंगी, तो अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अमेरिका में रहने की अनुमति नहीं मिलेगी। हालांकि, एक न्यायाधीश ने इस कदम को रोक दिया था। ऐसे में, सोशल मीडिया पोस्ट की जांच और वीज़ा इंटरव्यू पर कथित तौर पर ध्यान केंद्रित करने की बात छात्रों के लिए एक चिंता का विषय बनी हुई है, हालांकि अमेरिकी दूतावासों द्वारा कोई भी आधिकारिक बयान या व्यापक प्रतिबंध की पुष्टि नहीं की गई है। छात्र समुदाय लगातार आधिकारिक अपडेट्स का इंतज़ार कर रहा है।
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अस्वीकरण (Disclaimer)यह लेख भारतीय छात्रों के अमेरिकी वीज़ा को लेकर बाज़ार में चल रही कुछ अफवाहों और चिंताओं पर आधारित है। डोनाल्ड ट्रंप अभी अमेरिकी राष्ट्रपति के रूप में सत्ता में वापस नहीं आए हैं, और अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव नवंबर 2024 में होने वाले हैं। लेख में “ट्रंप प्रशासन” द्वारा “मई 2025” में वीज़ा आवेदकों के इंटरव्यू पर प्रतिबंध लगाने या सोशल मीडिया की जांच बढ़ाने जैसी बताई गई कार्रवाईयाँ आधिकारिक तौर पर पुष्टि नहीं हुई हैं और ये तथ्यतः गलत या भ्रामक हो सकती हैं। छात्रों को सलाह दी जाती है कि वे वीज़ा संबंधी सभी जानकारी के लिए अमेरिकी दूतावास या आधिकारिक सरकारी स्रोतों पर ही भरोसा करें, और किसी भी अप्रमाणित खबर पर विश्वास न करें।