पाकिस्तान के जिगरी दोस्त चीन से उसे जे-35 स्टील्थ फाइटर जेट विमान जल्द मिलने वाला है. पाकिस्तानी विदेश मंत्री इशाक डार भारत के साथ हुए सीजफायर के तुरंत बाद चीन पहुंचे थे और वहां पर उन्होंने ड्रैगन से जे-35 लड़ाकू विमान सौदे को लेकर बातचीत की गई. इसमें खरीद की शर्तें और कीमतें भी शामिल हैं. पाकिस्तान भले ही जल्दबाजी में हो और चीन से जल्दी-जल्दी इन विमानों को लेना चाहता हो, लेकिन विशेषज्ञों की मानें तो 2029 से पहले इन जेट विमानों की डिलीवरी मुश्किल है. वहीं भारत ACMA परियोजना 2035 तक पांचवीं पीढ़ी के फाइटर जेट को सेना में शामिल करने की ओर है. लेकिन चीन का जे-35 लड़ाकू विमान राफेल से कितना ताकतवर है.
चीन के J-35 से कितना ताकतवर होगा पाकिस्तान
पाकिस्तान के पास पहले से चीन के सबसे एडवांस्ड जेट्स में से एक जे-10 है, लेकिन अब चीन इस दोस्ती को और गहरा करते हुए पाक को जे-35 सौंपना चाहता है. जे-35 एक सिंगल सीटर, डबल इंजन विमान है. यह सर्दी, गर्मी और बरसात हर मौसम में काम करता है. यह एक स्टेल्थ, मल्टी-रोल फाइटर जेट है. चीन ने इस विमान को अमेरिका के फाइटर जेट एफ-35 लाइटनिंग को काउंटर करने के लिए डिजाइन किया है. पाकिस्तान इसके जरिए भारत के लड़ाकू विमान मिराज-2000, राफेल और Su-30MKI को चुनौती देने की फिराक में है.
J-35 की खासियत
चीन का J-35 समुद्री लड़ाई में सक्षम है, इसमें रडार को भी चकमा देने की क्षमता है. J-35 आधुनिक एवियोनिक्स सिस्टम से बना है, जिसमें पेलोड के लिए इंटरनल हथियार हैं. इसमें लंबी दूरी की एयर-टू-एयर मिसाइल क्षमता है, साथ ही यह मॉर्डन इलेक्ट्रॉनिक वारफेयर सिस्टम से लैस है.
राफेल की खासियत
राफेल हवा में सिर्फ 28 किमी प्रति घंटे की बहुत धीमी रफ्तार के साथ-साथ 1915 किमी/घंटे की तेज रफ्तार भी पकड़ सकता है. ये न सिर्फ हवा से हवा में मार कर सकता है, बल्कि हवा से जमीन में भी मार कर सकता है. राफेल की स्पीड एफ-16 और जे-20 से कम है, लेकिन इसकी एक्यूरेसी इसे ज्यादा मारक बनाती है. राफेल में डीएच (टू-सीटर) और राफेल सिंगल सीटर, दोनों डबल इंजन, डेल्टा विंग, सेमी स्टील्थ कैपेबिलिटीज के साथ यह चौथी जेनरेशन का फाइटर जेट है. इसके जरिए परमाणु हमला भी किया जा सकता है जिसमें चीन का जे-35 सक्षम नहीं है.