तेल अवीव
अमेरिकी टर्मिनल हाई-एल्टीट्यूड एरिया डिफेंस (THAAD) ने इजरायली जमीन पर पहला शिकार किया है। THAAD ने शुक्रवार सुबह इजरायल को निशाना बनाकर दागी गई हूतियों की मिसाइल को मार गिराया। इस हमले को नाकाम करने में इजरायली एरो सिस्टम का भी योगदान रहा। THAAD सिस्टम को अक्टूबर में अपने 100 सदस्यीय चालक दल के साथ इजरायल में तैनात किया गया था। अमेरिका ने इसे ईरान के हमले को रोकने और इजरायल को सुरक्षित करने के लिए भेजा था।
BREAKING: For the first time, the THAAD air defense system intercepted a Houthi ballistic missile aimed at Israel.
An American soldier on the ground said, “I’ve been waiting for this for 18 years.” pic.twitter.com/T4t4vvEeDg
— Hananya Naftali (@HananyaNaftali) December 27, 2024
टर्मिनल फेज में मिसाइलों को करता है नष्ट
सोशल मीडिया पर प्रकाशित एक वीडियो में, अमेरिकी सैनिकों में से एक को यह कहते हुए सुना जा सकता है, “मैंने इसके लिए 18 साल इंतजार किया है।” अमेरिकी कंपनी लॉकहीड मार्टिन ने THAAD एयर डिफेंस सिस्टम को विकसित किया है। इसका प्राथमिक उद्देश्य उड़ान के अंतिम चरण में छोटी और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को रोकना और नष्ट करना है। यह इजरायल की एरो-3 डिफेंस सिस्टम के बराबर है।
“हिट-टू-किल” तकनीक का उपयोग करता है THAAD
THAAD बिना किसी वारहेड के “हिट-टू-किल” तकनीक का उपयोग करता है। ऐसे में यह सिस्टम खतरनाक मिसाइल से टकराव से उत्पन्न गतिज ऊर्जा पर निर्भर करता है। सिस्टम का रडार 2,000 किलोमीटर से अधिक की दूरी पर मिसाइलों और विमानों का पता लगा सकता है और उन्हें ट्रैक कर सकता है, जिससे 200 किलोमीटर तक की रेंज में और 150 किलोमीटर तक की ऊंचाई पर मिसाइलों को रोकना संभव हो जाता है। शुक्रवार की सुबह तड़के दागी गई हूतियों की मिसाइल को इजरायली क्षेत्र को पार करने से पहले ही रोक दिया गया।
अमेरिका-इजरायल में अरबों डॉलर का हथियार सौदा
संयुक्त राज्य अमेरिका ने इजरायल के साथ अरबों डॉलर के हथियार सौदे पर हस्ताक्षर किए हैं और देश में सैन्य बुनियादी ढांचे को उन्नत करने की योजना बना रहा है, जिसमें दक्षिणी इजरायल में एक बेस और एयरक्राफ्ट फैसिलिटी शामिल हैं। पेंटागन ने इजरायल में THAAD सिस्टम तैनात करने की घोषणा में कहा, “यह कार्रवाई इजरायल की रक्षा और इजरायल में अमेरिकियों को ईरान द्वारा किए जाने वाले किसी भी बैलिस्टिक मिसाइल हमले से बचाने के लिए संयुक्त राज्य अमेरिका की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।”