नई दिल्ली ।
बांग्लादेश की पहली महिला प्रधानमंत्री और बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) की प्रमुख खालिदा जिया का 80 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे लंबे समय से गंभीर बीमारी से जूझ रही थीं। डॉक्टरों के अनुसार उन्हें दिल की बीमारी, किडनी, डायबिटीज, लीवर और आंखों से जुड़ी कई जटिल समस्याएं थीं। इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। खालिदा जिया को रविवार को अचानक तबीयत बिगड़ने पर ढाका के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सोमवार देर रात करीब तीन बजे उनका निधन हो गया। अस्पताल सूत्रों के अनुसार उस समय उनकी हालत बेहद नाजुक थी।
तीन बार रहीं बांग्लादेश की प्रधानमंत्री खालिदा जिया ने वर्ष 1991, 1996 और 2001 में बांग्लादेश के प्रधानमंत्री पद की जिम्मेदारी संभाली। वे देश के पूर्व राष्ट्रपति जियाउर रहमान की पत्नी थीं। राजनीति में सक्रिय रहते हुए उन्होंने बांग्लादेश की राजनीति को नई दिशा दी। वे वर्ष 2008 से कई मामलों में कानूनी प्रक्रिया का सामना कर रही थीं और लंबे समय तक सक्रिय राजनीति से दूर रहीं। भारत-पाक संबंधों को लेकर रुखखालिदा जिया को भारत-पाकिस्तान संबंधों को लेकर स्पष्ट और मुखर रुख रखने वाली नेता के रूप में जाना जाता था।
प्रधानमंत्री रहते हुए उन्होंने भारत की कई नीतियों का विरोध किया, वहीं पाकिस्तान के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों की पक्षधर रहीं। उनका मानना था कि बांग्लादेश को अपने हितों के अनुसार स्वतंत्र विदेश नीति अपनानी चाहिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दी श्रद्धांजलि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खालिदा जिया के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि खालिदा जिया का जीवन बांग्लादेश की राजनीति में एक महत्वपूर्ण अध्याय रहा। उनके कार्यकाल के दौरान दोनों देशों के संबंधों में कई उतार-चढ़ाव आए, लेकिन उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। प्रधानमंत्री मोदी ने शोक संतप्त परिवार और बांग्लादेश की जनता के प्रति संवेदना व्यक्त की।
