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पड़ोसी मुल्क में तबाही की आहट! भारत की 140 करोड़ की आबादी पर भी खतरा, बर्फीले पहाड़ों से आ सकती है आपदा

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भारत पाकिस्तान समेत दक्षिण एशियाई देश बड़ी प्राकृतिक आपदा के खतरे की ओर बढ़ रहे हैं. दो अरब की आबादी इस खतरे की जद में होगी. तबाही की ये आहट नेपाल में दुनिया की सबसे ऊंची चोटी माउंट एवरेस्ट के बर्फीले पहाड़ों (Glacier) के पिघलने से आने वाली है. इंटरनेशनल सेंटर फॉर इंटीग्रेटेड माउंटेन डेवलपमेंट (ICIMOD) की रिपोर्ट कहती है कि हिमालय क्षेत्र के ग्लेशियर बेहद तेजी से पिघल रहे हैं. ग्लोबल वार्मिंग का असर माउंट एवरेस्ट पर भी दिखाई दे रहा है. प्रचंड गर्मी से यहां बर्फ की मोटी चादरें पिघलती जा रही हैं.

सबसे बड़ा खतरा यहां के सबसे ऊंचे बर्फीले हिस्से साउथ कोल ग्लेशियर पर दिख रहा है. पिछले 30-35 सालों में यह ग्लेशियर 54 मीटर से ज्यादा छोटा हो चुका है. इससे समुद्र के जलस्तर में बढ़ोतरी और दूसरी प्राकृतिक आपदाओं का खतरा मंडरा रहा है. दरअसल, हिंदूकुश हिमालय क्षेत्र आठ देशों के बीच विस्तृत है. वर्ष 2011 से 2020 के बीच यहां के बड़े ग्लेशियर पहले के मुकाबले ज्यादा तेजी से पिघल रहे हैं. ये ग्लेशियर 80 फीसदी तक छोटे हो सकते हैं.

याला ग्लेशियर गायब हो जाएगा
नेपाल में याला ग्लेशियर सबसे बड़ी तबाही ला सकता है. 1974 से 45 सालों के बीच ये एक तिहाई आकार खो चुका है. आशंका है कि ये ग्लेशियर 20-25 वर्षों में पूरी तरह खत्म हो सकता है.

बाढ़ से आएगी तबाही
ग्लेशियर पिघलने से समुद्र, नदियों का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ और दूसरी आपदाएं नेपाल के साथ भारत के पहाड़ और मैदानी इलाकों में भी तबाही ला सकती हैं. यहां बड़े बांध, पुल और बिजली परियोजनाओं का वजूद खत्म हो सकता है.

200 करोड़ लोगों पर जल संकट
हिमालय के बर्फीले पहाड़ गंगा जैसी बड़ी नदियों का जल स्रोत हैं. दो सौ करोड़ से ज्यादा आबादी इसी पानी के सहारे पर है .ग्लेशियर पिघलने से कृषि के साथ बिजली-पानी का संकट पैदा हो सकता है.

पर्यावरण संतुलन बिगड़ने का खतरा
रिपोर्ट में कहा गया है कि बिजली और जल आपूर्ति पर संकट इंसानों के साथ जीव-जंतुओं और वनस्पतियों के लिए भी खतरा पैदा करेगा. बर्फीले इलाके में रहने वाले जीव जंतु पहले ही विलुप्त होने का संकट झेल रहे हैं. पूरे हिमालयी क्षेत्र का पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ सकता है.

सिक्किम में आ चुकी है तबाही
सिक्किम में ऐसी ही प्राकृतिक आपदा पहले ही देखी जा चुकी है.साउथ लोनाक झील से अक्टूबर 2023 में उठी 20 मीटर ऊंची लहर ने घाटी में भारी तबाही मचाई थी. इसमें 55 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई थी.

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