Air India Compensation Rule:गुजरात के अहमदाबाद में विमान से जुड़ी हालिया घटनाओं (तकनीकी समस्याओं) के बाद ट्रेवल इंश्योरेंस का महत्व एक बार फिर से सामने आया है. यह सवाल अहम हो गया है कि किसी विमान दुर्घटना की स्थिति में यात्रियों को क्या अधिकार और कितना मुआवज़ा मिल सकता है?
ट्रेवल इंश्योरेंस से कितना फ़ायदा होता है, यह जानना भी ज़रूरी है. क्या हमें ट्रेवल इंश्योरेंस न होने पर भी मुआवज़ा मिलता है? एयरलाइन कंपनियों के मुआवज़े से जुड़े क्या नियम हैं? हवाई यात्रा से पहले सुरक्षा और भविष्य की योजना बनाना बेहद ज़रूरी है. एक छोटा सा ट्रेवल इंश्योरेंस प्लान किसी भी अनहोनी की स्थिति में एक बड़ा सहारा बन सकता है. सुरक्षित यात्रा के लिए इंश्योरेंस को अपनी आदत बनाएं.
मुआवज़े के नियम क्या हैं
भारत सहित कई देशों में, विमान दुर्घटना के संबंध में एयरलाइन की ज़िम्मेदारी मॉन्ट्रियल कन्वेंशन 1999 के तहत तय की जाती है.1 इस अंतर्राष्ट्रीय नियम के अनुसार, एयरलाइन को हर मृतक यात्री के परिवार को कम से कम ₹1.4 करोड़ का मुआवज़ा देना होता है, चाहे दुर्घटना में किसकी भी गलती क्यों न रही हो. यदि यह साबित हो जाता है कि दुर्घटना एयरलाइन की लापरवाही के कारण हुई है, तो मुआवज़े की राशि और भी अधिक हो सकती है. इसी तरह के नियम घरेलू उड़ानों में DGCA (डायरेक्टरेट जनरल ऑफ सिविल एविएशन) के तहत लागू होते हैं.
ट्रेवल इंश्योरेंस के क्या फ़ायदे हैं
यदि यात्री ने ट्रेवल इंश्योरेंस लिया हुआ है, तो उसे एयरलाइन के अलावा भी मदद मिल सकती है. इसके तहत ₹25 लाख से ₹1 करोड़ तक का आकस्मिक मृत्यु कवर, मेडिकल इमरजेंसी / अस्पताल के खर्चों पर दावा, सामान गुम होने या फ़्लाइट कैंसिल होने पर दावा, ₹10 लाख तक का विकलांगता कवर और कुछ पॉलिसी में दैनिक अस्पताल नकद लाभ भी मिलता है. ध्यान रखें कि इंश्योरेंस तभी मान्य होगा जब आपने इसे फ़्लाइट से पहले एक्टिवेट किया हो. यह आपको अप्रत्याशित खर्चों से बचाता है.
अगर इंश्योरेंस न हो तो क्या
मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के तहत, यदि आपके पास व्यक्तिगत ट्रेवल इंश्योरेंस नहीं भी है, तब भी एयरलाइन से मुआवज़ा मिलेगा. इसके अलावा, यदि आप किसी ऑफिस ट्रिप पर थे, तो आपको कंपनी की ग्रुप इंश्योरेंस पॉलिसी से फ़ायदा मिल सकता है. साथ ही, अगर टिकट क्रेडिट कार्ड से बुक किया गया है, तो कुछ क्रेडिट कार्ड अपने साथ ट्रेवल इंश्योरेंस कवर भी देते हैं; यह जानने के लिए अपनी क्रेडिट कार्ड कंपनी से जाँच करें.
मुआवज़ा मिलने में देरी क्यों होती है और ध्यान रखने योग्य बातें
दुर्घटना की लंबी जांच प्रक्रिया के कारण क्लेम मिलने में देरी हो सकती है. यदि इंश्योरेंस पॉलिसी में नॉमिनी (नामांकित व्यक्ति) का विवरण अपडेट नहीं है, तो भी मामला लंबा खिंच सकता है. ज़रूरत पड़ने पर परिवार को कंज्यूमर कोर्ट, सिविल कोर्ट या इंश्योरेंस ओम्बुड्समैन (लोकपाल) का रुख करना पड़ सकता है.
फ़्लाइट से यात्रा करने से पहले इन 4 बातों का ध्यान ज़रूर रखें:
- हमेशा ट्रेवल इंश्योरेंस लें, चाहे घरेलू हो या अंतर्राष्ट्रीय उड़ान.
- नॉमिनी का विवरण सही भरें.
- पॉलिसी में आकस्मिक (Accidental) और मेडिकल कवर ज़रूर होना चाहिए.
- इंश्योरेंस की डिजिटल और प्रिंट कॉपी अपने पास रखें.
ट्रेवल इंश्योरेंस का ख़र्च कितना आता है
ट्रेवल इंश्योरेंस की लागत आपकी यात्रा की अवधि, गंतव्य और आयु पर निर्भर करती है:
- घरेलू यात्रा: ₹30 से ₹100 प्रति दिन, या एक हफ़्ते की यात्रा के लिए ₹100 से ₹500.
- विदेशी यात्रा के लिए अनुमानित प्रीमियम:
- एशियाई देशों के लिए (₹5 से 15 लाख कवरेज): ₹300 से ₹700
- यूरोपीय देशों के लिए (₹50 लाख से ₹1 करोड़ कवरेज): ₹500 से ₹1,200
- अमेरिका/कनाडा के लिए (₹50 लाख से ₹1 करोड़ कवरेज): ₹1,000 से ₹2,500
- ऑस्ट्रेलिया/यूके के लिए (₹25 लाख से ₹1 करोड़ कवरेज): ₹700 से ₹1,500
अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी सामान्य सलाह और मॉन्ट्रियल कन्वेंशन के नियमों पर आधारित है. किसी भी विशिष्ट मामले में कानूनी सलाह और बीमा पॉलिसी के नियमों व शर्तों को ध्यान से पढ़ना आवश्यक है. बीमा प्रीमियम और कवरेज प्लान कंपनी और आपकी व्यक्तिगत ज़रूरतों के अनुसार अलग-अलग हो सकते हैं.