पटना
बिहार की राजनीति में इन दिनों काफी गहमागहमी है। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के अध्यक्ष और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने ‘बिहार फर्स्ट, बिहारी फर्स्ट’ अभियान के जरिए राज्य की राजनीति में बड़ी भूमिका निभाने का इशारा किया है। उन्होंने कहा कि उनकी दिलचस्पी बिहार की राजनीति में ही है। हालांकि, पार्टी के आदेश के बाद ही वे कुछ कह पाएंगे। उन्होंने एनडीए गठबंधन को लेकर विपक्षी दलों की चिंता को भी खारिज किया है।
चिराग पासवान का कहना है कि उन्होंने राजनीति की शुरुआत बिहार से की थी। उनका नारा ‘बिहार फर्स्ट बिहारी फर्स्ट’ था। उनका मानना है कि उन्हें बिहार की राजनीति करनी है। चिराग पासवान ने साफ संकेत दिया है कि उन्हें केंद्र के राजनीति से कोई ज्यादा दिलचस्पी नहीं है, लेकिन इसको लेकर जब पार्टी का आदेश होगा, उसके बाद ही वो कुछ बता पाएंगे, अभी कुछ नहीं कहा जा सकता है।
महागठबंधन के घटक दलों में चल रही खींचतान!
चिराग पासवान ने एनडीए गठबंधन के बारे में भी बात की। उन्होंने कहा कि महागठबंधन में ही घटक दलों के बीच खींचतान चल रही है। उन्होंने कांग्रेस को अपने घटक दलों की चिंता करने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि एनडीए गठबंधन को लेकर चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है।चिराग पासवान ने गृह मंत्री अमित शाह से जीतन राम मांझी की मुलाकात पर भी अपनी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि मांझी भी एनडीए गठबंधन के घटक दल हैं। उन्हें गृह मंत्री से मिलने का अधिकार है। उन्होंने यह भी कहा कि जरूरत पड़ने पर वे भी गृह मंत्री अमित शाह से मिलते हैं।
चिराग के करीबी सांसद ने भी दिया है बड़ा संकेत
हाल ही में, चिराग पासवान के एक करीबी सांसद ने भी संकेत दिया कि वे आगामी विधानसभा चुनाव में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ऐसी अटकलें हैं कि वे खुद चुनाव लड़ सकते हैं और मुख्यमंत्री पद के लिए दावेदारी पेश कर सकते हैं। इससे बिहार की राजनीति में और भी सरगर्मी बढ़ गई है।