श्रीनगर ,
श्रीनगर की जामा मस्जिद में शुक्रवार को मीरवाइज उमर फारूक ने एक महीने बाद नमाज पढ़ाई और लोगों को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि उन्हें बार-बार मस्जिद आने से रोका जाता है जो न सिर्फ उनके लिए, बल्कि पूरे कश्मीर के मुसलमानों के लिए दुखद है.उन्होंने हाल ही में हुए हमले को लेकर गहरी चिंता जताई. मीरवाइज ने कहा कि जिस तरह पहचान की पुष्टि के बाद लोगों की हत्या की गई, वह रोंगटे खड़े कर देने वाला दृश्य था. उन्होंने इन हत्याओं की कड़ी निंदा की और शहीदों को श्रद्धांजलि दी.
मीरवाइज ने बताया कि आज उनके पिता शहीद-ए-मिल्लत मीरवाइज मौलवी मोहम्मद फारूक की शहादत की 36वीं बरसी भी है. उन्होंने इस मौके पर सभी शहीदों को याद किया और उनके परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की.साथ ही उन्होंने बताया कि इस दुख की घड़ी में कश्मीरियों ने एक बार फिर अपनी इंसानियत दिखाई. स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर पर्यटकों की मदद की. एक पनी ऑपरेटर आदिल हुसैन ने दूसरों की जान बचाते हुए अपनी जान गंवाई. मीरवाइज ने उन्हें श्रद्धांजलि दी.
पहलगाम हमले पर मीरवाइज ने चिंता जताई
उन्होंने मीडिया के एक वर्ग द्वारा कश्मीरियों के खिलाफ फैलाई जा रही नफरत की निंदा की और अन्य राज्यों में कश्मीरियों की सुरक्षा की अपील की. साथ ही घायल लोगों से मिलने और आदिल हुसैन के घर जाकर श्रद्धांजलि देने की अनुमति भी मांगी.मीरवाइज ने कहा कि ‘कश्मीर आवाम पीड़ितों के साथ खड़े रहने की कोशिश की. पर्यटक इसकी तारीफ कर रहे हैं. लोगों ने घरों के दरवाजे खोल दिए. बता दें, 22 अप्रैल को आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों को निशाना बनाते हुए हमला किया था. इसमें 26 लोगों की जान चली गई. आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन चलाया जा रहा है.