इंफाल
पूर्वोत्तर भारत में लगातार हो रही भारी बारिश अब जनजीवन पर कहर बनकर टूट रही है. रविवार शाम करीब 7 बजे सिक्किम में एक सैन्य शिविर पर भूस्खलन ने हमला किया, जिसमें तीन जवानों की जान चली गई और छह अन्य अभी भी लापता हैं. चार जवानों को मलबे से जिंदा निकाला गया, जिन्हें हल्की चोटें आई हैं. राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है.
भारतीय सेना ने सोमवार को आधिकारिक जानकारी देते हुए बताया कि जान गंवाने वालों में हवलदार लखबिंदर सिंह, लांस नायक मनीष ठाकुर और एक पोर्टर अभिषेक लखाड़ा शामिल हैं. इसी बीच, सिक्किम के लाचेन और लाचुंग क्षेत्रों में फंसे 1000 से अधिक पर्यटकों को भी सुरक्षित बाहर निकाला गया है. ये सभी लोग 30 मई से मौसम की मार के चलते वहीं फंसे हुए थे.
पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश
पिछले चार दिनों से सिक्किम और अन्य पूर्वोत्तर राज्यों में तेज बारिश हो रही है, जिसने कई जगहों पर जन-जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है. बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं में अब तक कुल 37 लोगों की जान जा चुकी है, जिनमें असम से 10, अरुणाचल प्रदेश से 9, मिजोरम से 5 और मेघालय से 6 लोग शामिल हैं.
यह पहली बार नहीं है जब सिक्किम प्राकृतिक आपदा की चपेट में आया है. अक्टूबर 2023 में बादल फटने के कारण तीस्ता नदी में अचानक बाढ़ आई थी, जिसमें 18 लोगों की मौत हुई थी और 98 लोग लापता हो गए थे. उस हादसे में सेना के 22 जवान भी शामिल थे, जिनका अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है.
नदियां उफान पर, लाखों प्रभावित
ब्रह्मपुत्र, बराक और अन्य 10 प्रमुख नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. असम में बाढ़ से 3.64 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए सेना, वायुसेना और असम राइफल्स की तैनाती की गई है.
मणिपुर में 19,000 से अधिक लोग बाढ़ की चपेट में हैं और 3,365 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं. त्रिपुरा में भी 10 हजार से ज्यादा लोग प्रभावित हैं. मिजोरम की राजधानी आइजोल में हालात इतने बिगड़ गए हैं कि प्रशासन ने 2 जून को सभी स्कूलों को बंद रखने का आदेश दिया है. राज्य में सिर्फ चार दिनों में भूस्खलन की 211 घटनाएं दर्ज की गई हैं.
उत्तर भारत में भी बदला मौसम का मिजाज
इस बीच उत्तर भारत में भी मौसम ने करवट ली है. राजस्थान के 30 और मध्य प्रदेश के 50 जिलों में बारिश का अलर्ट जारी किया गया है. बिहार के वैशाली जिले में रविवार शाम तेज आंधी और बारिश के कारण एक घर गिरने से 60 वर्षीय महिला की मौत हो गई. राज्य के नौ जिलों में मौसम विभाग ने आंधी और बारिश की चेतावनी दी है.
प्राकृतिक आपदाएं एक बार फिर दिखा रही हैं कि मौसम का मिजाज कितना क्रूर और अप्रत्याशित हो सकता है. प्रशासन अलर्ट पर है, लेकिन चुनौती बड़ी है और इंसानी जान की कीमत सबसे बड़ी.