फगवाड़ा,
पंजाब के फगवाड़ा के एक गौशाला में 20 गायों की मौत हो गई और 28 बीमार हो गईं. इसकी खबर हिंदू संगठनों को लगी तो, वे विरोध प्रदर्शन करने लगे. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि गायों के चारे में ज़हर मिलाया गया था. मामले को लेकर हिंदू संगठनों ने सोमवार को बंद का आह्वान भी किया है. हालांकि, एक न्यूज एजेंसी को जानकारी देते हुए अधिकारियों ने कहा कि घटना के पीछे किसी दुर्भावनापूर्ण इरादे का संदेह नहीं है.
पोस्टमार्टम के बाद ही लगेगा सही वजहों का पता
एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि मामले में एक प्राथमिकी दर्ज की गई है और सभी एंगलों से मामले की जांच की जा रही है. फगवाड़ा की पुलिस अधीक्षक रूपिंदर कौर भट्टी ने बताया कि रविवार रात यहां मेहलीगेट स्थित कृष्ण गौशाला में 20 गायों की मौत हो गई और 28 बीमार हो गईं. गुरु अंगद देव पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान विश्वविद्यालय (GADVASU) के पशु चिकित्सकों का एक बोर्ड शवों का पोस्टमार्टम कर रहा है.
भट्टी ने बताया कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही मौत का सही कारण पता चलेगा. उन्होंने कहा कि हमें घटना के पीछे कोई दुर्भावनापूर्ण मकसद नहीं मिला है, लेकिन हम सभी एंगलों से मामले की जांच कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि घटना के पीछे कोई शरारत तो नहीं है, यह पता लगाने के लिए गौशाला के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं.
बीमार गायों का पशु चिकित्सकों की टीम द्वारा उपचार किया जा रहा है. गौशाला प्रबंधक सतनाम सिंह की शिकायत पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 299 (जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कार्य, किसी भी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का इरादा) और 325 (किसी भी पशु को मारने, जहर देने या बेकार करने के लिए दंड) और पशु क्रूरता निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
विरोध में फगवाड़ा बंद
विभिन्न हिंदू संगठनों के आह्वान पर घटना के विरोध में फगवाड़ा में बंद रखा गया. हिंदू संगठनों ने आरोप लगाया कि गायों के चारे में जहर मिलाया गया था और घटना के पीछे के लोगों की गिरफ्तारी की मांग की. बड़ी संख्या में हिंदू संगठनों के कार्यकर्ताओं ने विभिन्न बाजारों में विरोध मार्च निकाला. वहीं, पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी नेता सोम प्रकाश और विजय सांपला, आप सांसद राज कुमार चब्बेवाल और कुछ अन्य नेताओं ने गौशाला का दौरा भी किया.