सुल्तानपुर
सुल्तानपुर में विसर्जन शोभा यात्रा के बाद हुए विवाद में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) भी कूद पडे़ हैं। उन्होंने यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ (yogi adityanath) पर हमला करते हुए सवाल पूछा है कि आरोपी पुलिसवालों पर सरकार कोई कार्रवाई करेगी या नहीं। ओवैसी ने इस पर अपना एक भाषण भी ट्वीट किया।
अपने ट्वीट में ओवैसी ने लिखा, ‘सुल्तानपुर हिंसा के बाद ‘मुसलमानों को चुन चुनकर क़त्ल’ करने की बात करने वाले पुलिस अफसर पर क्या @myogiadityanath सरकार कोई कार्रवाई करेगी? और कब करेगी?’ इस ट्वीट में उन्होंने अपना एक भाषण भी शेयर किया। ओवैसी का आरोप है कि इस मामले में केवल मुसलमानों पर मुकदमे किए गए। ओवैसी ने अपने भाषण में कथित तौर पर एक पुलिसकर्मी का ऑडियो भी सुनवाया।
सुल्तानपुर के बल्दीराय थाना अंतर्गत इब्राहीमपुर गांव चार दिनों से चर्चा में है। यहां विसर्जन शोभा यात्रा के दौरान दो समुदाय आमने-सामने हो गए थे। इसमें चार FIR दर्ज हुई है, 32 लोग गिरफ्तार करके जेल भेजे जा चुके हैं। इसके बाद महिलाएं सड़क पर आ गई। महिलाओं ने इंसाफ मांगते हुए पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कहा एक तरफा गोली मार दो, ऐसे भूखे मत मारो।
सोमवार को हुई थी घटना
बीते सोमवार की शाम इसी गांव में एक धार्मिक स्थल के पास डीजे बजाने को लेकर विवाद हो गया था। दोनों ओर से पथराव हुआ, आगजनी की घटना हो गई। जैसे-तैसे मामला थमा लेकिन दूसरा पक्ष रात के अंधेरे में फिर उग्र हो गया। कई घरों में तोड़फोड़ और आगजनी की। अंत में एक पक्ष के विरुद्ध चार मुकदमे दर्ज किए गए। सैकड़ों लोगों के विरुद्ध केस दर्ज हुआ और कल 32 लोगों को जेल भेजा गया है।
क्षेत्र के सपा विधायक ताहिर खां ने आरोप लगाया कि धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ हुई है, घरों को जलाया गया है, घरों में लूटपाट की गई है, दुकानों के ताले तोड़े गए हैं आखिर ये लोग कौन थे? ये सुनियोजित साजिश थी। विधायक ताहिर ने कहा कि हमें लगता है थानाध्यक्ष बाकायदा मिला हुआ है।
‘थानाध्यक्ष के भड़काऊ भाषण के बाद खराब हुआ माहौल’
सपा विधायक ने आगे कहा कि थानाध्यक्ष ने जो असंसदीय भाषा का प्रयोग करते हुए पारा बाजार में जो भड़काऊ भाषण दिया है। उनके भाषण देने के बाद माहौल खराब हुआ है। सच्चाई ये है कि थानाध्यक्ष की लापरवाही का ये नतीजा है। ताहिर खां ने कहा कि सरकार का ध्यान आकर्षित कराता हूं कि सरकार और DGP इस मामले को गंभीरता से लेते हुए थानाध्यक्ष को तत्काल टर्मिनेट करें। या उसको सस्पेंड करें।

