मध्य प्रदेश प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष जीतू पटवारी ने आज किसानों की लंबित मांगों को लेकर एक अनूठा प्रदर्शन किया। प्रदेश कांग्रेस कार्यालय से सैकड़ों किसानों के साथ पैदल मार्च निकालते हुए उन्होंने अनाज के बोरे को कंधे पर लादकर केंद्रीय कृषि मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के भोपाल स्थित बंगले तक पहुंचे। इस दौरान किसानों की समस्याओं, विशेष रूप से फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर उचित दाम सुनिश्चित करने की मांग को जोरदार ढंग से उठाया गया।
श्री पटवारी ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि किसानों को ‘भावांतर’ की बजाय ‘भाव’ चाहिए।
इस अवसर पर मध्य प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग के अध्यक्ष मुकेश नायक, किसान कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष धर्मेंद्र सिंह चौहान, पृथ्वीपुर विधायक नितेंद्र राठौर, किसान कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राम मेहर, प्रदेश प्रवक्ता अभिनव बरोलिया , मिथुनअहिरवार , विक्रम चौधरी ,सहित बड़ी संख्या में किसान बंधु एवं कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद रहे।
सभी ने एकजुट होकर सरकार की किसान-विरोधी नीतियों के खिलाफ नारेबाजी की।
प्रदर्शन के दौरान जीतू पटवारी ने केंद्रीय एवं राज्य सरकार की विफलताओं पर तीखा प्रहार किया। उन्होंने कहा, “मोदी जी की गारंटी थी कि धान का एमएसपी 3100 रुपये, गेहूं का 2700 रुपये और सोयाबीन का 6000 रुपये प्रति क्विंटल दिया जाएगा। लेकिन आज तक न तो सोयाबीन पर 6000 रुपये का भाव मिला, बल्कि केवल भावांतर की रस्म-अदायगी हो रही है। जब शिवराज सिंह चौहान मुख्यमंत्री थे, तब भी 2017 की भावांतर योजना में किसानों को एक रुपया भी नहीं मिला। न बीमा मिला, न सर्वे हुआ, न मुआवजा। आज हालात इतने खराब हैं कि 8 किसानों ने आत्महत्या कर ली – 2 खंडवा में, 2 महिदपुर में, 1 तराना में और 2 उज्जैन में, जहां खुद मुख्यमंत्री का जिला है। ये आज के अखबारों की सुर्खियां हैं।
मैं मुख्यमंत्री मोहन यादव , केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान और प्रधानमंत्री मोदी जी से आग्रह करता हूं – किसान को भावांतर नहीं, भाव चाहिए।”श्री पटवारी ने प्याज के दामों का उदाहरण देते हुए कहा, “10 साल पहले 8 रुपये किलो प्याज का भाव देने की बात कही गई थी, लेकिन आज किसानों को उचित मूल्य नहीं मिल रहा। इसके लिए जिम्मेदार कौन? पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और वर्तमान मुख्यमंत्री मोहन यादव। हम बार-बार कह रहे हैं – किसानों के खाते में 20,000 रुपये प्रति बीघा डालिए। सोयाबीन पर भावांतर की बात करते हैं, लेकिन 25-50 किलो बीघा हुए अनाज पर कितना भावांतर दोगे? किसान कर्ज के बोझ तले दबे हैं, आत्महत्याएं कर रहे हैं। इन 8 किसानों की मौत की जिम्मेदारी सरकार की है।”
श्री पटवारी ने डबल इंजन सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “क्या हुआ उस ‘कृषि को लाभ का धंधा बनाने’ वाले वादे का? मुख्यमंत्री मोहन यादव केवल हवाई जहाज और हेलीकॉप्टर के बिल बढ़ा रहे हैं। आज तक की हिस्ट्री में सबसे ज्यादा हवाई यात्रा करने वाले मुख्यमंत्री हैं। कर्ज लेकर इवेंट कर रहे हैं, विज्ञापन दे रहे हैं, लेकिन किसानों को 20,000 रुपये नहीं दे सकते। फिजूलखर्ची के लिए कर्ज लो, लेकिन किसानों के अधिकारों के लिए क्यों नहीं?
शिवराज सिंह चौहान, आप देश के कृषि मंत्री हैं, प्रदेश के सांसद हैं – अगर अभी किसानों की सुध नहीं ली, तो 20 साल से बोल रहे झूठ सबके सामने आ जाएगा।”