भेल भोपाल।
बीएचईई थ्रिफ्ट एंड क्रेडिट सोसायटी की जितनी तारीफ की जाये कम है । बेलैंसशीट में हवाला जिसका होना चाहिये वह दूर—दूर तक इस बार दिखाई नहीं दे रहा है जबकि पिछली शीट में बहुत कुछ साफ—साफ दिखाई दे रहा था । अब इस बार ऐसा लग रहा है कि इस शीट में सदस्य तो दूर डायरेक्टरों के भी समझ में नहीं आ रहा है कि आखिर खरीद फरोख्त के कारोबार मेें हिसाब किताब का जिक्र तो नहीं किया गया है संस्था के असली मालिक 4500 सदस्यों को यह बताना जरूरी हैं कि बचत बाजार और सहकारी वस्त्रालय से संस्था को कितना लाभ हुआ है । 12 करोड़ दुकानों में लगाकर कितना लाभ कमाया है इसका भी जिक्र बेलैंसशीट में नहीं किया गया है ।
बड़ी बात यह है कि संस्था में बचत बाजार तो खोलकर रख दिया है ट्रेडिंग ऐकाउंट के माध्यम से कितनी खरीद फरोख्त की आय—व्यय का क्या लेखा जोखा रहा यह आडिट बुक में अलग—अलग क्यों दिखाया जा रहा रहा है । ऐसा 60 सालों में कभी नहीं हुआ । मजेदार बात यह है कि आडिट बुक में इस साल यह सब बेलैंस कर मुख्य बेलैंस में मर्ज कर दिया गया है । सूत्रों की माने तो बेलैंसशीट में 9,39,35,171 करोड़ की खरीदी की है ।
पिछले वर्ष 2024 का शेष स्टाक सामान 2,14,18,391 करोड़ था । इस हिसाब से दोनों का मिलाकर यह स्टाक सामान 11,53,45,562 करोड़ का हो गया । लेकिन बेलैंसशीट में यह नहीं बताया गया कि आखित कितना नुकसान हुआ । एक तरफ देखा जाये तो फिर से 2,19,28,220 करोड़ का स्टाक पुन: शेष बच गया । थ्रिफ्ट जैसी संस्था ही नहीं भेल जैसी महारात्नी कंपनी भी का भी यह नियम है कि नये वित्तीय वर्ष 31 मार्च तक इन्वेटरी कम से कम होना चाहिये लेकिन यह कहीं दिखाई नहीं दे रहा है । संस्था के मुखिया को सभी 4500 सदस्यों को यह बताना जरूरी है कि 11 से 12 करोड़ रूपये दुकान में लगाकर संस्था ने कितना लाभ कमाया ।
संस्था और दुकानों का खर्च
नीचे दुकान उपर संस्था का आफिस इसके खर्चे अलग—अलग दिखाये जाते रहे हैं लेकिन इस बार इन खर्चो को छिपाते हुये इसे अलग—अलग बताये जा रहे हैं यह भी खबर है कि 12 करोड़ दुकान में लगाकर कितना लाभ हुआ है । यदि लाभ में नहीं है तो इसी 12 करोड़ को सदस्यों को बांटा जाता तो ज्यादा लाभ होता । इससे सदस्यों को तो हानि की आशंका है लेकिन किसका लाभ—शुभ ज्यादा जुड़ा हुआ है यह जांच का विषय है । साफ जाहिर है कि कहीं न कहीं बेलैंसशीट में सदस्यों को उलझाकर गुमराह किया जा रहा है । मजेदार बात तो यह भी है कि इस संस्था की जमीन बीएचईएल की है और बिल्डिंग संस्था की ऐसे में 1 रूपये किराया भी संस्था को किसी को देना नहीं पड़ता है सिर्फ बचत बाजार में ही बिजली की खपत ज्यादा है ।
मामला बड़ी कंपनियों स्टाल या रेक देने का आजकल इस बात की चर्चाऐं भी जोरों पर है कि संस्था के बचत बाजार में कुछ नामी गिरामी कंपनियों को स्टाल या रेक लगाने का काम दे दिया है यह कंपनियां संस्था को कितना किराया दे रही हैं कितना नहीं इसका लेखा जोखा भी सिर्फ एक ही आदमी के पास है। दरअसल इसका भारी भरकम किराया लिया जाता है जिसका जिक्र कहीं भी नहीं है संस्था के सह प्रबंधकों या कर्मचारी सभी ने चुप्पी साध रखी है । खबर की पुष्टि करने के लिये जवाबदार सह प्रबंधक मूकदर्शक बनें हुये हैं कुछ भी बताने को तैयार नहीं है ।
25 दिनों में नहीं दी आमसभा के मिनिट्स की जानकारी
संस्था के जवाबदारों की जितनी तारीफ की जाये कम है । 21 सितंबर 2025 को संस्था के प्रांगण में सदस्यों के लिये आमसभा आयोजित कि गई जिसमें आमसभा की तमाम कार्यवाही करीब 3 घंटे चली जिसमें आरोप प्रत्यारोप भी लगते रहे सदस्य अपनी बात रखते रहे और अध्यक्ष बेलैंसशीट पड़ते रहे । यहां तक कि अंत में अध्यक्ष आमसभा छोड़ चले गये । खास—बात यह है कि आमसभा में होने वाली तमाम कार्यवाही प्रस्तावों पर क्या अमल किया गया । यह सब जानकारी 7 दिवस के भीतर संस्था के 4500 सदस्यों को वेबसाईट या अन्य प्रचार माध्यम से भेजी जानी चाहिये थी ताकि यह पता लग सके कि आमसभा में क्या हुआ है और सदस्य को आसानी से समझ में आ जाये । यह जानकारी संस्था के जवाबदारों ने आमसभा के 25 दिवस के बाद भी नहीं दी जो अवैधानिक है ।