27.7 C
London
Monday, June 30, 2025
HomeUncategorizedMP Collage Fraud Scam: 83 प्राइवेट कॉलेजों की मान्यता रद्द, ग्वालियर-रीवा के...

MP Collage Fraud Scam: 83 प्राइवेट कॉलेजों की मान्यता रद्द, ग्वालियर-रीवा के कॉलेज भी शामिल

Published on

MP Collage Fraud Scam:मध्य प्रदेश में नर्सिंग कॉलेज घोटाले के बाद एक और बड़ा फ़र्ज़ीवाड़ा सामने आया है. राज्य के ग्वालियर, रीवा और इंदौर सहित कई विश्वविद्यालयों से संबद्ध कॉलेजों को फ़र्ज़ी पाया गया है. इनमें से सबसे ज़्यादा 19 कॉलेज ग्वालियर में मिले हैं. इस धोखाधड़ी के सामने आने के बाद उच्च शिक्षा विभाग ने इन कॉलेजों की मान्यता रद्द करने की तैयारी कर ली है. इसके साथ ही, नए सत्र से इन सभी 83 कॉलेजों में छात्रों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.

जीवाजी विश्वविद्यालय की चौंकाने वाली लापरवाही खेत को दी कॉलेज की मान्यता

मध्य प्रदेश में हुए इन कॉलेज घोटालों में सबसे चौंकाने वाला मामला ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध एक कॉलेज का है, जिसका नाम विंग्स कॉलेज है. विश्वविद्यालय के दस्तावेज़ों में इसका पता रत्वई, चितोरा रोड, मुरार, ग्वालियर दर्ज है. यहाँ से BA, BCom और BSc की डिग्री दी जाती हैं. यह कॉलेज पाँच साल पहले 2020 में शुरू हुआ था और अब तक यहाँ से 900 छात्रों ने डिग्रियाँ हासिल की हैं. जाँच में पता चला है कि यह कॉलेज वर्तमान में अस्तित्व में ही नहीं है; कॉलेज के पते पर एक खेत दिखाई दे रहा है. यह दिखाता है कि कैसे बिना किसी भौतिक संरचना के छात्रों को डिग्रियाँ बेची जा रही थीं.

उच्च शिक्षा विभाग की जाँच में 83 फ़र्ज़ी कॉलेज पकड़े गए

विंग्स कॉलेज की तरह प्रदेश में कई ऐसे कॉलेज हैं जो बिना बिल्डिंग के ही चल रहे हैं. उच्च शिक्षा विभाग की जाँच में ऐसे 83 प्राइवेट कॉलेज सामने आए हैं, जहाँ अलग-अलग तरह की अनियमितताएँ पाई गई हैं. कुछ के पास तो बिल्डिंग ही नहीं है, और कुछ एक ही कमरे से चलाए जा रहे हैं.

जनवरी में 9 विश्वविद्यालयों के कॉलेजों की जाँच की गई थी. उच्च शिक्षा विभाग की टीम ने इस साल जनवरी में मध्य प्रदेश के 9 विश्वविद्यालयों से संबद्ध 729 प्राइवेट कॉलेजों का भौतिक सत्यापन (Physical Verification) किया था, जिसमें बड़ी अनियमितताएँ सामने आई हैं. सबसे अहम बात यह है कि इन कॉलेजों का हर साल विश्वविद्यालय स्तर पर निरीक्षण होता था और विश्वविद्यालय की टीम उन्हें मान्यता दे रही थी, जो इस घोटाले में उनकी मिलीभगत को दर्शाता है.

एक शिकायत ने खोला फ़र्ज़ी कॉलेजों का राज

साल 2022 में ग्वालियर के दुर्गा कॉलोनी निवासी अरुण कुमार शर्मा ने आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में एक प्राइवेट कॉलेज के फ़र्ज़ीवाड़े की शिकायत की थी. इसमें बताया गया था कि मुरैना की सबलगढ़ तहसील के झुंडपुरा में एक फ़र्ज़ी शिवशक्ति कॉलेज चलाया जा रहा है. यहाँ कॉलेज अस्तित्व में ही नहीं है. EOW की जाँच में शिकायत सही पाई गई.

इसके बाद, 13 जनवरी 2025 को EOW ने जीवाजी विश्वविद्यालय के तत्कालीन कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी, गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय, बांसवाड़ा, राजस्थान के कुलपति डॉ. केएस ठाकुर और 18 प्रोफेसरों व कर्मचारियों के ख़िलाफ़ आपराधिक मामला दर्ज किया. एक महीने बाद, राज्यपाल ने कुलपति प्रो. अविनाश तिवारी को बर्ख़ास्त कर दिया.

EOW जाँच में पता चला कि शिवशक्ति कॉलेज के संचालक रघुराज सिंह जादौन ने जीवाजी विश्वविद्यालय के कुलपति अविनाश तिवारी और अन्य आरोपियों के साथ मिलकर फ़र्ज़ी दस्तावेज़ तैयार किए थे. इन्हीं दस्तावेज़ों के आधार पर कॉलेज को मान्यता और संबद्धता मिली और छात्रों का ग़लत प्रवेश दिखाया गया, साथ ही छात्रवृत्ति और अन्य मदों में सरकारी लाभ भी लिए गए. कॉलेज का निरीक्षण करने वाली टीमें भी संचालक के साथ मिलीभगत में पाई गईं.

यह भी पढ़िए: प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट की वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम क्वार्टर की बैठक

उच्च शिक्षा विभाग ने कलेक्टरों से कराई जाँच इन विश्वविद्यालयों में फ़र्ज़ीवाड़े का बड़ा ख़ुलासा

जीवाजी विश्वविद्यालय के इस फ़र्ज़ीवाड़े के ख़ुलासे के बाद, उच्च शिक्षा विभाग ने पूरे प्रदेश के 792 प्राइवेट कॉलेजों का भौतिक सत्यापन कराने का फ़ैसला किया. विभाग के अपर सचिव ने हर ज़िले के कलेक्टर को एक टीम बनाने का निर्देश दिया. इसमें राजस्व विभाग के अधिकारियों के साथ-साथ सरकारी कॉलेज के दो नियमित शिक्षक भी शामिल थे.

जाँच टीम ने अपने ज़िले के सभी प्राइवेट कॉलेजों की जाँच कर सात दिनों में अपर संचालक, उच्च शिक्षा को रिपोर्ट सौंप दी. इसके अलावा, उच्च शिक्षा विभाग ने ज़िलों के शीर्ष कॉलेजों से जुड़ी एक टीम भी बनाई थी. इस टीम ने भी ज़िले के प्राइवेट कॉलेजों का सत्यापन किया.

यह भी पढ़िए: प्रोविडेंट फंड ट्रस्ट की वित्तीय वर्ष 2025-26 के प्रथम क्वार्टर की बैठक

ग्वालियर के जीवाजी विश्वविद्यालय से संबद्ध कॉलेज धोखाधड़ी में सबसे ज़्यादा शामिल पाए गए:

विश्वविद्यालय का नामसंबद्ध फ़र्ज़ी कॉलेजों की संख्या
जीवाजी विश्वविद्यालय, ग्वालियर19
अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, रीवा9
महाराजा छत्रसाल बुंदेलखंड विश्वविद्यालय, छतरपुर3
देवी अहिल्या विश्वविद्यालय, इंदौर2
बरकतउल्लाह विश्वविद्यालय, भोपाल1
विक्रम विश्वविद्यालय, उज्जैन1
छिंदवाड़ा विश्वविद्यालय1

उच्च शिक्षा विभाग ने 10 बिंदुओं पर जाँच की थी, जिसमें कॉलेज की इमारत, ज़मीन, कमरों की संख्या, लाइब्रेरियों की उपलब्धता, स्टाफ की संख्या, विकलांगों के लिए सुविधाएँ आदि शामिल थीं. इस बड़े घोटाले से प्रदेश में शिक्षा के स्तर और ईमानदारी पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं.

Latest articles

MP Guest Teachers Bharti:मध्य प्रदेश में गेस्ट टीचर्स की बंपर भर्ती 70 हज़ार पदों पर ऑनलाइन आवेदन 30 जून से शुरू

MP Guest Teachers Bharti: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया...

Adani Green Energy Plant: 15000 मेगावाट ऑपरेशनल क्षमता पार करने वाली भारत की पहली कंपनी बनी

Adani Green Energy Plant: भारत की सबसे बड़ी नवीकरणीय ऊर्जा कंपनी अदानी ग्रीन एनर्जी...

Monsoon Heath Tips:योगासन से हड्डियाँ होंगी मज़बूत एक्सपर्ट के आसान तरीक़े

Monsoon Heath Tips:आजकल युवाओं में भी जोड़ों और हड्डियों के दर्द की समस्या आम...

More like this

AAJ KA MAUSAM: गुजरात और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट, अगले 24 घंटों में भारी बारिश की चेतावनी

AAJ KA MAUSAM: मौसम विभाग ने गुजरात और उत्तराखंड के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी...

MP FIRST DIGITAL UNIVERSITY: मध्य प्रदेश को जल्द मिलेगी पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी घर बैठे पाएं पढ़ाई और रोज़गार के नए अवसर

MP FIRST DIGITAL UNIVERSITY: मध्य प्रदेश में जल्द ही राज्य की पहली डिजिटल यूनिवर्सिटी...

MP Corona Case:मध्य प्रदेश में फिर लौट रहा कोरोना का ख़तरा सक्रिय मामलों में तेज़ी

MP Corona Case:मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस संक्रमण एक बार फिर रफ़्तार पकड़ता दिख...