भारत के साथ कनाडा के रिश्ते पिछले एक साल से काफी ज्यादा खराब हुए हैं। आलम ये है कि दोनों देशों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को वापस बुला लिया है। हालांकि, भले ही भारत और कनाडा के बीच राजनयिक तल्खियां दिख रही हैं, लेकिन इसके बाद भी भारतीय कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के देश में जाकर काम करना चाहते हैं। हाल ही में एक रिपोर्ट सामने आई है, जिसमें बताया गया है कि लोग किन देशों में जाकर नौकरी करने को सबसे ज्यादा इच्छुक हैं।
दुनियाभर में वैकेंसी की जानकारी देने और नौकरी के लिए अप्लाई करने का ऑप्शन देने वाले प्लेटफॉर्म जॉबसीकर ने एक रिपोर्ट तैयार की है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि काम की तलाश करने वालों के बीच कनाडा सबसे पसंदीदा देश बनकर उभरा है। खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर छिड़े विवाद के बीच ये चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है। इसमें कहा गया है कि कनाडा नौकरी ढूंढने वालों और भारत से दूसरे देश जाकर रहने वालों के बीच पहली पसंद बना हुआ है।
किस तरह तैयार की गई रिपोर्ट?
जर्मनी, जापान, मैक्सिको, कोस्टा रिका, साउथ अफ्रीका, सऊदी अरब और यूएई जैसे देश भी लोगों नौकरी के लिए पंसद आ रहे हैं। इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया दूसरे नंबर पर है, जहां लोग काम करने के लिए जाना चाहते हैं। स्विट्जरलैंड और अमेरिका दोनों ही तीसरे नंबर पर हैं। जॉबसीकर ने 19 से 25 सितंबर के बीच दुनिया भर में नौकरी ढूंढने वालों के ट्रेंड का विश्लेषण किया। इसने ‘jobs in [country name]’ टैम्पलेट का इस्तेमाल करके 30 देशों में लोगों की सर्च हिस्ट्री का विश्लेषण कर रिपोर्ट बनाई है।
कनाडा और भारत के बिगड़े संबंध
पिछले साल सितंबर में जस्टिन ट्रूडो ने आरोप लगाया कि निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंट्स शामिल हैं। भारत ने ट्रूडो के आरोपों को खारिज करते हुए इसे बेतुका बताया। हालांकि, धीरे-धीरे विवाद बढ़ता चला गया है। ट्रूडो के आरोपों के बाद भारत ने छह कनाडाई राजनयिकों को देश से निकाल दिया था। भारत ने अपने उच्चायुक्त संजय वर्मा और अन्य अधिकारियों को वापस भी बुला लिया। भारत का कहना है कि दोनों देशों के बीच मुख्य मुद्दा ये है कि कनाडा खालिस्तान समर्थकों को अपनी धरती से बेरोकटोक काम करने की इजाजत दे रहा है।