भेल भोपाल।
भोपाल। भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लिमिटेड (बीएचईएल), भोपाल इकाई ने वर्ष 2025 के दौरान उत्पादन, तकनीकी नवाचार, अंतरराष्ट्रीय आपूर्ति, गुणवत्ता, पर्यावरण संरक्षण एवं राजभाषा के क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ अर्जित करते हुए देश की अग्रणी औद्योगिक इकाई के रूप में अपनी सशक्त पहचान को और अधिक मजबूत किया है। बीएचईएल, भोपाल को नागपुर–खावड़ा एवं भडला–फतेहपुर एचवीडीसी की महत्वपूर्ण परियोजनाओं के लिए कुल 5700 करोड़ रुपये मूल्य के 88 ट्रांसफार्मरों के बड़े ऑर्डर प्राप्त हुए हैं। इसके साथ ही पोलावरम जलविद्युत परियोजना के लिए अब तक का सबसे बड़ा जनरेटर स्टेटर निर्मित किया गया, जिसका व्यास लगभग 15 मीटर है।
रेलवे क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए बीएचईएल, भोपाल द्वारा वंदे भारत ट्रेनसेट के लिए आईएम 3004 एज़ेड प्रकार की पूर्णतः सस्पेंडेड त्रि-चरणीय ट्रैक्शन मोटर का सफल विकास किया गया। इसके अतिरिक्त भारतीय रेलवे को 2000 से अधिक गियरों की आपूर्ति की गई, जो पिछले पाँच वर्षों में सर्वाधिक है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मोजाम्बिक रेलवे के लिए 3300 एचपी केप गेज डीजल-इलेक्ट्रिक लोकोमोटिव हेतु त्रि-चरणीय ट्रैक्शन मोटर्स एवं ट्रैक्शन अल्टरनेटर की आपूर्ति की गई।
ऊर्जा एवं पावर सेक्टर में उपलब्धियों की कड़ी में पावरग्रिड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (पीजीसीआईएल) द्वारा बीएचईएल, भोपाल के ट्रांसफार्मर विनिर्माण को ग्रेड-सी से ग्रेड-बी में उन्नत किया गया। साथ ही पावरग्रिड के लिए बीएचईएल द्वारा निर्मित 100वां 765 केवी, 500 एमवीए ट्रांसफार्मर का सफल प्रेषण किया गया। कोरबा वेस्ट परियोजना के लिए 12 करोड़ रुपये मूल्य के चार एचपी हीटरों के ऑर्डर प्राप्त कर उनकी आपूर्ति भी पूर्ण की गई। सुरक्षा एवं गुणवत्ता के क्षेत्र में बीएचईएल, भोपाल इकाई को श्रेष्ठ सुरक्षा परियोजना पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
वहीं गुणवत्ता के क्षेत्र में बीएचईएल, भोपाल की गुणवत्ता चक्र संख्या 631 (ऊर्जा), एसटीएम विभाग ने ताइवान के ताइपेई में आयोजित अंतरराष्ट्रीय गुणवत्ता चक्र प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक प्राप्त कर देश का गौरव बढ़ाया। पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता देते हुए वित्त वर्ष 2025-26 में बीएचईएल, भोपाल द्वारा लगभग 60 हजार पौधों के रोपण का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। विश्व पर्यावरण दिवस-2025 के अवसर पर जम्बूरी मैदान, पिपलानी में मियावाकी पद्धति से वृक्षारोपण किया गया।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन वर्षों में इसी पद्धति से कुल 20,650 पौधे लगाए जा चुके हैं। अन्य प्रमुख उपलब्धियों में तालचेर परियोजना के लिए 400 स्विचगियर पैनलों की वैक्यूम पैकिंग व्यवस्था, पोलावरम जलविद्युत परियोजना यूनिट-1 हेतु विनिर्मित बाटम शाफ्ट की रवानगी तथा अदाणी पावर लिमिटेड की रायपुर चरण-II (2×800 मेगावाट) परियोजना के लिए एलपी टरबाइन आउटर केसिंग के प्रथम सेट का प्रेषण शामिल है। स्वास्थ्य सुविधाओं के क्षेत्र में कस्तूरबा अस्पताल द्वारा 29 अस्पतालों के पैनल का नवीनीकरण किया गया तथा दो नए अस्पतालों को सूची में शामिल किया गया।
इसके अतिरिक्त सागर अस्पताल को बहुविशेषज्ञ उपचार एवं करियर अस्पताल को ऑन्कोलॉजी उपचार के लिए पैनल में सम्मिलित किया गया है। राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में उत्कृष्ट योगदान के लिए बीएचईएल, भोपाल के गौतम मजूमदार, महाप्रबंधक एवं जे. चटर्जी, महाप्रबंधक (हाइड्रो) को महामहिम मंगुभाई पटेल, राज्यपाल, मध्यप्रदेश द्वारा हिंदीतरभाषी हिंदी सेवी सम्मान से सम्मानित किया गया। इन सभी उपलब्धियों के माध्यम से बीएचईएल, भोपाल ने वर्ष 2025 में औद्योगिक, तकनीकी एवं सामाजिक दायित्वों के निर्वहन में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका को पुनः सिद्ध किया है।
