योग अनुसंधान केन्द्र हबीबगंज में बच्चों के ग्रीष्म कालीन योग शिविर का समापन

भेल भोपाल।

योग अनुसंधान केन्द्र, कस्तूरबा चिकित्सालय हबीबगंज में बच्चों के ग्रीष्म कालीन योग शिविर का समापन गुरुवार को हुआ। इस अवसर पर समारोह की मुख्य अतिथि डाक्टर अल्पना तिवारी, सीएमएस, कस्तूरबा चिकित्सालय ने अपने उद्बोधन में कहा कि इस योग सेंटर पर प्रतिवर्ष बच्चों के लिए ग्रीष्म कालीन योग शिविर का आयोजित किया जाता है, जिससे बच्चों में अच्छी आदतें डेवलप हों और योगाभ्यास से शारीरिक फ्लेक्सिबिलिटी, ब्रीदिंग एक्सरसाइज और मानसिक कंस्ट्रेशन बढ़े। योग करने से हमारा मन पढ़ाई में अच्छा लगता है और हमको जल्दी याद हो जाता है। कई बार हम परेशान रहते हैं तो ध्यान करने से हमारी समस्याओं का हल मिल जाता है और टेंशन से मुक्ति मिल जाती है। इसलिए योगाभ्यास अपने रुटीन में शामिल करना है। आप सुबह नहीं तो शाम के समय जो स्वामी अमृत बिन्दु जी ने सिखाया है उसे अवश्य करें, इससे आपका स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और अच्छे स्वास्थ्य के साथ अच्छी डाइट भी लें। हमारी नई पीढ़ी स्वस्थ रहेगी तभी हम अच्छे राष्ट्र का निर्माण कर सकते है।

डाक्टर रश्मि परमहंस ने स्वामी अमृत बिन्दु जी, डाक्टर अल्पना तिवारी जी, सभी बच्चों को, उनके अभिभावकों को और प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से सहयोग किया और इस योग शिविर को सफल बनाया उन सभी का आभार व्यक्त किया और कहा कि पिछले वर्षों की तुलना में इस वर्ष बच्चों की संख्या ज्यादा है और आप सभी ने योग को अच्छी तरह सिखा होगा, योगाभ्यास सिखने के साथ यह भी जरूरी है कि आप यहां से जाने के बाद घर में नियमित रूप से योग करें, निरंतर अभ्यास से अच्छे परिणाम प्राप्त होते हैं।

स्वामी अमृत बिन्दु ने इन आठ दिनों में बच्चों को योग के विभिन्न आसन जैसे सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, तिर्यक ताड़ासन, चक्की चालन, नाव संचालन, कुल्हाड़ी चालन, सायकिल चालन, हलासन, शशांक आसन, मकरासन, कोबरा पोज, बेलेंस बनाना, बेठे बेठे चलना, धनुरासन और वज्रासन आदि करवाये और उनसे होने वाले शरीर पर लाभों के बारे में बताया। प्राणायाम में भ्रामरी, शीतली और नाड़ी शोधन प्राणायाम करवाये जिससे शरीर और मन पर पड़ने वाले प्रभावों के बारे में बताया। पद्मासन में बैठकर ध्यान करवाया और चित्त लेटाकर योग निद्रा का अभ्यास करवाया जिससे मन और चित्त दोनों शांत हो जाते है। त्राटक साधना में मोमबत्ती जलाकर करवाईं, इसमें मोमबत्ती की लौ को एक टक देखने से बच्चों का मन स्थिर होकर एकाग्रचित्त हो जाता है जिससे उनका पढ़ने में मन लगता है और वे पाठ्य-पुस्तक के विषय आसानी से याद करने में सक्षम हो जाते हैं। शिविर के समापन समारोह के अवसर पर बच्चों को पेन, टाफी, कोल्डड्रिंक और फल दिए। समापन कार्यक्रम का संचालन योग शिक्षिका प्रतिमा प्रसाद ने किया।

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