भोपाल।
बीएचईएल भोपाल यूनिट के विश्वकर्मा हॉल में “अंगदान” पर कार्यशाला व जागरूकता सत्र आयोजित किया गया। सत्र का आयोजन मानव संसाधन विभाग द्वारा कस्तूरबा अस्पताल और मानव संसाधन विकास के समन्वय से किया गया।
प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए महाप्रबंधक मानव संसाधन बीके सिंह ने अंगदान की आवश्यकता के बारे में बताया और कहा कि एक व्यक्ति 7 से 8 लोगों की जान बचा सकता है। उन्होंने भारत सरकार की वेबसाइट https://pledge.mygov.in/organ-donation पर अंगदान के लिए ऑनलाइन प्रतिज्ञा लेने की भी सलाह दी।
कस्तूरबा अस्पताल की मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अल्पना तिवारी ने भी वर्तमान विश्व परिदृश्य में अंगदान की आवश्यकता के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि भारत में अंगदान करने वालों और अंग के लिए प्रतीक्षा करने वालों की संख्या में बहुत अंतर है।
अतिथि वक्ता डॉ. राम नारायण हिरण्य ने बताया कि भारत में हर साल लगभग 5 लाख लोग अंगों की अनुपलब्धता के कारण मर जाते हैं। उन्होंने बताया कि हम चिकित्सा अध्ययन के लिए किडनी, फेफड़े, आंत, हृदय, यकृत, अग्न्याशय, कॉर्निया, हृदय वाल्व, त्वचा, अस्थि मज्जा, मध्य कान यहां तक कि अपना शरीर भी दान कर सकते हैं।