भोपाल
भले ही भेल भोपाल यूनिट में पूर्व ईडी अल्प समय रहे हो लेकिन उन्होंने सिंघम की भूमिका बदस्तूर निभाई यही कारण था कि कारखाने में नेता और कर्मचारी अनुशासन का पाठ सीख गए। हाल ही में आए नए ईडी ने भी इस मामले को गंभीरता से लेते हुए नेता और कर्मचारियों को यह समझाने की पूरी कोशिश की कि कारखाने में प्रोडक्शन जरूरी है न कि अनुशासनहीनता। इसलिए यहां के कर्मचारियों में अब वह सेकंड सिंघम के रूप में चर्चाओं में आ गए है। सावन का सोमवार था कारखाने का हनुमान मंदिर में कुछ कर्मचारी दर्शन करने के बजाय पूजा पाठ में घंटों बैठे दिखे तब नए ईडी ने फटकार लगाते हुए दो टूक शब्दों में कहा कि मंदिर में दर्शन करना तो ठीक है लेकिन अपने कार्य स्थल को छोड़कर घंटों पूजा पाठ करना ठीक नहीं। यह सुनकर सभी कर्मचारियों को वार्निंग देकर कार्य स्थल पर लौटाया। इसकी चर्चा पूरे कारखाने में की जा रही है। साथ ही उनका यह संदेश भी प्रचारित हो रहा है कि अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं।