जम्मू कश्मीर
आईसीसी क्रिकेट विश्व कप फाइनल में भारतीय टीम को आस्ट्रेलिया के सामने हार का सामना करना पड़ा था, लेकिन इंडियन टीम की इस हार पर जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर में भारत विरोधी गतिविधियां सामने आईं थीं। 19 नवंबर की रात शेर-ए-कश्मीर यूनिवर्सिटी में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए गए। हॉस्टल के बाहर नारेबाजी की गई। इस सिलसिले में पुलिस ने जश्न मनाने वाले सात छात्रों को गिरफ्तार किया। इन पर यूएपीए (UAPA) के तहत केस चलेगा।
अब इसी मसले पर पीडीपी चीफ और जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती का बयान सामने आया है। अपने बयान में उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार की आलोचना की है। महबूबा ने कहा, ‘यह निहायत ही अफसोस की बात है। खेल को खेल भावना से देखना चाहिए। हमारे तमाम प्रधानमंत्री या कोई मंत्री स्टेडियम में खेल देखने जाते थे या जाते हैं तो जो टीम अच्छा प्रदर्शन करती है, उसकी सभी लोग तारीफ करते हैं।
महूबूबा मुफ्ती ने कहा कि वे (भाजपा) दावा करते हैं कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति सामान्य है, वे इतना भय और भ्रम पैदा कर रहे हैं…कुछ छात्रों ने आस्ट्रेलिया की जीत पर जश्न मनाया। उन्होंने कहा कि आप (भाजपा) जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिलो-दिमाग पर बंदूक के जरिए कब्जा नहीं कर सकते। आपको जम्मू-कश्मीर के लोगों के दिल-दिमाग जीतने हैं। आप कितने लोगों को जेल में डालोगे?
जम्मू-कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने बार-बार कहा है कि एक आइडिया होता है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार लोगों को बेशक जेल में डाल सकती है, लेकिन उनके ख्याल पर काबू नहीं कर सकती। जम्मू-कश्मीर के नौजवानों के खिलाफ सबसे ज्यादा ज्यादती हो रही है।
मुफ्ती ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पत्रकारों के ऊपर यूएपीए लगाया जा रहा, जबकि इस काननू का प्रयोग आतंकवादियों के खिलाफ होना चाहिए, लेकिन आप (मोदी सरकार) पत्रकारों के खिलाफ उसको लगाती है। आप (बीजेपी) उन छात्रों के खिलाफ यूएपीए का इस्तेमाल करते हैं, जिनका करियर आप बर्बाद करना चाहते हैं। पीडीपी चीफ ने कहा कि आपको (बीजेपी) क्या चाहिए, फैसला कर लीजिए? अगर आपको जम्मू-कश्मीर की जमीन चाहिए तो हमें भी निकालिए, जिस तरह इजरायल गाजा से लोगों को निकाल रहा है, जो करना है एक ही बार कर लीजिए। जेल में डाल-डालकर हमारे नौजवानों को क्यों सड़ाना चाहते हो।