नई दिल्ली
शेयर बाजार में पिछले कई महीनों से जारी गिरावट के बीच भारतीय इकॉनमी के लिए आज का दिन अच्छा रहा। कई मोर्चों पर अच्छी खबर आई है। आम आदमी के लिए राहत की बात यह है कि फरवरी में खुदरा महंगाई में काफी गिरावट देखने को मिली है और यह सात महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गई है। खाने-पीने की चीजों की महंगाई तो 11 महीने के न्यूनतम स्तर पर है। देश में औद्योगिक उत्पादन में तेजी आई है। मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर के अच्छे प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में इस साल जनवरी में 5% की वृद्धि हुई। इस बीच मूडीज रेटिंग्स ने 2025-26 भारत की जीडीपी की ग्रोथ 6.5% से अधिक रहने का अनुमान जताया है।
जीडीपी ग्रोथ
भारत की जीडीपी का ग्रोथ रेट अगले वित्त वर्ष (2025-26) में 6.5% से अधिक रहेगी। मूडीज रेटिंग्स ने यह अनुमान लगाया है। चालू वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था के 6.3% की दर से बढ़ने का अनुमान है। मूडीज का कहना है कि सरकारी पूंजीगत व्यय में तेजी, कर कटौती तथा ब्याज दर में कमी से उपभोग बढ़ने से अगले वित्त वर्ष में भारतीय अर्थव्यवस्था अधिक तेज रफ्तार से बढ़ेगी। बैंकिंग क्षेत्र के लिए स्थिर परिदृश्य का अनुमान लगाते हुए मूडीज ने कहा कि अगले वित्त वर्ष में भारतीय बैंकों का परिचालन वातावरण अनुकूल बना रहेगा।
औद्योगिक उत्पादन
देश में औद्योगिक उत्पादन में तेजी आई है। विनिर्माण क्षेत्र के अच्छे प्रदर्शन से औद्योगिक उत्पादन में इस साल जनवरी में 5% की वृद्धि हुई। औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (IIP) के संदर्भ में मापा जाने वाला औद्योगिक उत्पादन जनवरी, 2024 में 4.2 प्रतिशत बढ़ा था। एनएसओ के आंकड़ों के अनुसार, जनवरी, 2025 में विनिर्माण क्षेत्र का उत्पादन 5.5% बढ़ा जो एक साल पहले इसी महीने में 3.6% बढ़ा था।
खुदरा महंगाई
उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित महंगाई दर फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 3.61%पर रही है जो कि जनवरी के आंकड़े से 0.65% कम है। इसकी वजह खाद्य उत्पादों की कीमत में कमी आना है। देश में जुलाई 2024 के बाद खुदरा महंगाई का यह सबसे निचला स्तर है। आधिकारिक बयान में कहा गया कि फरवरी में खाद्य महंगाई दर मई 2023 के बाद सबसे निचले स्तरों पर आ गई है और जनवरी के मुकाबले इसमें 2.22% की कमी देखने को मिली है। मुख्य महंगाई दर और खाद्य महंगाई दर में फरवरी में आई गिरावट की वजह सब्जियों, अड्डों, मीट और मछ्ली, दालों और दुग्ध उत्पादों की कीमतों में कमी आना है।