नई दिल्ली,
पाकिस्तान खौफ में है. इसकी वजह हैं भारत के तेवर. विदेश सचिव विक्रम मिस्री से जब एक विदेशी राजनियक ने आज पूछा कि क्या भारत का ऑपरेशन पूरा हो गया है तो विक्रम मिस्री ने दो टूक जवाब दिया. उन्होंने कहा कि अभी सिर्फ 9 ही आतंकी कैंपों पर हमला हुआ है. सवाल है कि क्या आगे भी भारत की आतंकी कैंप पर दोबारा स्ट्राइक की तैयारी है.
पाकिस्तान के बहावलपुर से मुरीदके तक, पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में मुजफ्फराबाद से कोटली तक भारत के हमले के बाद मारे गए आतंकवादियों में एक ताबूत ऐसा है जिसने एक सवाल को जिंदा कर दिया है. सवाल ये कि क्या भारत के मिसाइल हमले में मसूद अजहर, हाफिज सईद या फिर इन दोनों जितना बड़ा आतंकवादी मारा गया है? क्योंकि जब पाकिस्तान में आतंकियों के तमाम ताबूत आज उठे तो उनमें इकलौता यही वो ताबूत रहा, जिसके लिए पाक आर्मी चीफ और पाकिस्तानी राष्ट्रपति तक ने फूल चढ़ाने को भेजे.
मुरीदके पहुंचा आतंकी का ताबूत
रात एक बजकर पांच मिनट से रात डेढ़ बजे तक 25 मिनट के भीतर पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में पांच जगह पर और पाकिस्तान में सीधे घुसकर चार जगहों पर भारत ने आतंक के नौ बड़े ठिकानों को मिट्टी में मिला दिया. इसमें हाफिज सईद से लेकर मसूद अजहर तक के आतंक के वो अड्डे, मरकज शामिल हैं, जहां करीब तीन दशक से हाफिज और मसूद आतंकवादियों को ट्रेनिंग देकर भारत में हमले कराते रहे हैं.
भारत ने जो एयर स्ट्राइक की है उसके बाद एक आतंकी के शव को ताबूत में रखकर पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के मुरीदके में लाया गया. पंजाब प्रांत में निकलता ये ताबूत क्या हाफिज सईद या मसूद अजहर का हो सकता है? ये सवाल इसलिए पैदा हुआ है क्योंकि पंजाब प्रांत में ही आने वाले बहावलपुर और मुरीदके में भी भारत ने रात में हमला किया है. बहावलपुर के मरकज सुभान-अल्लाह को मिसाइल अटैक से जमींदोज कर दिया गया है. यानी वो जगह जो मसूद अजहर का सबसे बड़ा ठिकाना रही है. वहीं मरकज तैयबा जो मुरीदके में है, वहां भारत ने हमला करके हाफिज सईद के सबसे बड़े टेरर प्वाइंट को तहस नहस कर दिया है. इसीलिए सवाल उठा है कि क्या पंजाब में निकलते इस ताबूत का सीधा रिश्ता हाफिज सईद या मसूद अजहर से हो सकता है?
मुनीर से लेकर जरदारी तक ने भिजवाए फूल
बताया गया कि जिस ऑपरेशन सिंदूर को वॉर रूम में बैठकर खुद प्रधानमंत्री देखते रहे, जिस ऑपरेशन सिंदूर को अंजाम तक पहुंचाने के लिए प्रधानमंत्री लगातार तीनों सेना प्रमुख से पहले ही मिलकर निर्देश दे चुके थे. उसी निर्देश के तहत अंजाम दिए गए ऑपरेशन सिंदूर में एक ऐसे आतंकवादी को भी मार गिराया गया, जिसकी मौत पाकिस्तान को सहन तक नहीं हो रही.
आतंकवाद और आतंकवादी को दफन करने से पहले मौत का ताबूत जिस ऑपरेशन के तहत भारत ने तैयार किया है, अब उस ताबूत पर नजर डालिए. पाकिस्तान में पंजाब प्रांत के भीतर आतंकवादी के ताबूत पर जो फूल चढ़ाया गया है, उस पर लिखा है COAS. इसका मतलब है चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ यानी पाकिस्तानी सेना के प्रमुख असीम मुनीर ने ये फूल आतंकी के ताबूत के लिए भेजा है. तो क्या ये इतना बड़ा आतंकी है कि उसकी मौत पर आसिम मुनीर के भी आंसू निकल आए.
आतंकवादी के ताबूत पर चढ़े दूसरे फूल पर लिखा है- प्रेसिडेंट यानी राष्ट्रपति मतलब पाकिस्तान के प्रेसिडेंट आसिफ अली जरदारी ने ये फूल आतकंवादी की मौत के बाद भेजा है. तो क्या भारत के हमले में इतना बड़ा आतंकी मारा गया कि पाकिस्तानी सेना प्रमुख असीम मुनीर और पााकिस्तान के प्रेसीडेंट जरदारी की आत्मा रोने लगी है. इनको झटका लगा है इसीलिए ये पहला अंदेशा उठा कि क्या भारत ने जो आतंकवाद पर सबसे बड़ा प्रहार किया उसमें हाफिज सईद या मसूद अजहर या फिर इतना ही बड़ा आतंकवादी मौत के मुंह में समा गया है.
लश्कर के कमांडर ने पढ़ी जनाजे की नमाज
आतंकी के नमाज-ए-जनाजा के वक्त सबसे आगे खड़े होकर जो नमाज पढ़ा रहा था वो कोई आम आ्रदमी नहीं बल्कि लश्कर का कमांडर हाफिज अब्दुल रउफ है. उसके पीछे पाकिस्तानी सेना के तमाम अफसर हाथ बांधकर दुखी होकर हमदर्दी जताते खड़े हैं. ये तीन सबूत ऐसे हैं, जो इस बात का अंदेशा जताते हैं कि पाकिस्तान के आतंकवाद पर भारत के वार में संभव है कि हाफिज, मसूद या फिर इतना ही बड़ा आतंकवादी मारा गया है, जिसकी मौत पर जनाजे की नमाज लश्कर का कमांडर पढ़वाता है. जिसकी मौत पर पाक आर्मी चीफ असीम मुनीर को फूल भिजवाना पड़ा और जिसकी मौत के बाद पाकिस्तानी राष्ट्रपति जरदारी तक को सदमा लगा.
बाद में दावा किया जाने लगा कि मसूद अजहर अभी जिंदा है लेकिन अपने खानदान के खत्म होने के सदमे में है. लेकिन हमले के बाद हाफिज सईद के बारे में फिलहाल कुछ पुख्ता जानकारी सामने नहीं आई है. वो हाफिज सईद जो पाकिस्तान के मुरीदके में पाकिस्तानी आर्मी के साए में अपना टेरर कैंप चलाता रहा. आज भारत ने उसी आतंकी कैंप को तहस नहस कर दिया है.