बिहार में आरक्षण का बाहुबली कौन? तीन जातियों का OBC रिजर्वेशन के 84% सीटों पर कब्जा

पटना:

OBC में आरक्षण का लाभ किन-किन जातियों को मिल रहा है? क्या OBC आरक्षण महज कुछ जातियों के उत्थान के लिए है? इन्हीं सवालों का जवाब जानने के लिए जस्टिस जी. रोहिणी के नेतृत्व में केंद्र सरकार ने आयोग का गठन किया था। रिपोर्ट भी सरकार के पास है। हालांकि, अब तक उसे सार्वजनिक नहीं किया गया है। मगर, जो जानकारी आई उसके मुताबिक नौकरियों और शिक्षा में 97 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण का लाभ ओबीसी की 25 प्रतिशत जातियां उठा रही हैं। बाकी 75 प्रतिशत जातियों की आरक्षण में भागीदारी मात्र 3 प्रतिशत ही है। इसमें भी 983 ओबीसी जातियों की हिस्सेदारी शून्य है। बिहार में भी हालात कुछ जुदा नहीं है।

84% सीटों पर यादव-कुर्मी-कुशवाहा का कब्जा
प्रशांत किशोर की संस्था ‘बात बिहार की’ ओर से एक वीडियो रिपोर्ट सोशल मीडिया एक्स पर जारी किया गया है। इसके मुताबिक बिहार में बहुत बड़ा समाजिक असंतुलन बना हुआ है। इसमें कहा गया है कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग (OBC) की कुल सरकारी नौकरियों में से 46.58% पदों पर यादवों का कब्जा है। इसके बाद 18.58% पदों पर कुर्मी जाति का कब्जा है। इसके अलावा करीब 18% पदों पर कुशवाहा जाति के लोग काबिज हैं।

इसका मतलब ये हुआ कि पिछड़ा वर्ग (OBC) की कुल सरकारी पदों पर सिर्फ तीन जातियों का 83.51% कब्जा है। हाल ही में बिहार में आरक्षण की सीमा 65 प्रतिशत (EWS छोड़कर) तक कर दी गई। इसमें पिछड़ों और अति पिछड़ों की भागीदारी और ज्यादा कर दी गई।

आंखें खोल देगी जस्टिस रोहिणी आयोग
मौजूदा रिजर्वेशन सिस्टम में भारत की आरक्षण प्रणाली ओबीसी के लिए 27% नौकरियों और शैक्षिक सीटों को आरक्षित करती है। हालांकि, ओबीसी समुदायों के बीच असमान आरक्षण है। इसे लेकर मोदी सरकार को 2017 में उप-वर्गीकरण (Sub-Classification) का प्रस्ताव देना पड़ा। इस चिंता को दूर करने के लिए जस्टिस रोहिणी आयोग का गठन किया गया।

आयोग के मुताबिक 2018 में ओबीसी के लिए आरक्षित 1 लाख 30 हजार से ज्यादा सरकारी नौकरियों और सरकारी शैक्षणिक संस्थानों में एडमिशन की पड़ताल की। इससे पता चला कि 97% आरक्षित सीटों को 25% ओबीसी की जातियों का कब्जा है। जिससे 983 समुदायों (ओबीसी का 37%) को शून्य प्रतिनिधित्व मिला। 994 जातियों को केवल 2.68% आरक्षण का लाभ मिला।

बिहार की नई आरक्षण नीति
अत्यंत पिछड़ा वर्ग को पहले 18% मिलता था, अब बढ़कर हुआ 25%
पिछड़ा वर्ग को पहले 12% मिलता था, अब बढ़कर हो गया 18%
मतलब OBC और EBC को कुल मिलाकर 43% आरक्षण मिलेगा
अनुसूचित जाति को पहले 16% मिलता था अब बढ़कर हो गया 20%
अनुसूचित जनजाति को पहले 1% मिलता था, अब बढ़कर हो गया 2%
आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग EWS को पहले की तरह 10% आरक्षण मिलेगा
बिहार में अब आरक्षण का नया स्लैब 75% तक पहुंच चुका है

983 OBC जातियों को अब तक नहीं मिला आरक्षण का लाभ
रोहिणी आयोग की रिपोर्ट के मुताबिक सिर्फ 10 OBC जातियां करीब 25% आरक्षण का लाभ लेती हैं। प्रतिशत में आंकड़ा निकालिएगा तो पता चलेगा कि 25 प्रतिशत OBC जातियां 97 % पिछड़ों के हक पर काबिज हैं। 2633 में 983 यानी 37% पिछड़ी जातियों को आज तक आरक्षण का कोई लाभ ही नहीं मिला। ये पूरी तरह ‘बैकवर्ड में फॉरवर्ड’ मामला लगता है। वैसे, ये रिपोर्ट पूरे देश की है, ऐसे में बिहार के हालात का अंदाजा लगाया जा सकता है।

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