लखनऊ,
 उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर क्राइम की सनसनीखेज वारदात हुई है. हजरतगंज डीएम आवास के पास स्थित सहकारी बैंक के खाते से जालसाजों ने करीब 150 करोड़ रुपये उड़ा दिए. साइबर फ्रॉड की सूचना मिलने पर बैंक ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद एसटीएफ थाने में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में साइबर क्राइम की सनसनीखेज वारदात हुई है. हजरतगंज डीएम आवास के पास स्थित सहकारी बैंक के खाते से जालसाजों ने करीब 150 करोड़ रुपये उड़ा दिए. साइबर फ्रॉड की सूचना मिलने पर बैंक ने पुलिस से संपर्क किया, जिसके बाद एसटीएफ थाने में मामला दर्ज कर जांच की जा रही है.
बैंक अधिकारियों ने मामले की जानकारी साइबर क्राइम मुख्यालय को दी. पुलिस ने एक कर्मचारी को हिरासत में लिया है, जिससे पूछताछ की जा रही है. कई खाते में पैसा ट्रांसफर किया गया, जिसके बारे में बैंक को जानकारी मिली तो कई खातों को फ्रिज किया गया है. फिलहाल पूरे मामले की जांच एसटीएफ कर रही है.
कैसे ट्रांसफर हो गए 150 करोड़ रुपये?
जानकारी के मुताबिक, सहकारी बैंक में सोमवार दोपहर 2:00 बजे अचानक बैंक से पैसा अन्य खातों और फर्मों में जाने लगा. जैसे ही पैसा ट्रांसफर होने लगा तो कर्मचारियों ने इसकी सूचना मैनेजर को दी. मैनेजर ने पुलिस को तत्काल बुलाया. इसके बाद पुलिस ने उन सभी बैंक खातों को फ्रीज करवा दिया, जिसमें पैसे गए थे.
पुलिस के मुताबिक, सहकारी बैंक में मेगा सॉफ्टवेयर से ईजी सॉफ्टवेयर बना हुआ है, जिसमें यूजर आईडी बनाई गई है. सभी कर्मचारियों के पास इसका एक्सेस नहीं है. एडमिन एक्सेस सिर्फ बैंक के प्रबंधक और कैशियर के पास है. पुलिस को शक एक पूर्व कर्मचारी के ऊपर है, जो बैंक में आते हुये दिखा, जिसाक सीसीटीवी सामने आया है.
लेकिन पुलिस इस मामले की जाने की कोशिश कर रही कि यूजर आईडी-पासवर्ड प्रबंधक और कैशियर के पास रहते हुए भी कैसे उसको हैक किया गया और उसके बाद कैसे पैसा दूसरी फर्मों के नाम ट्रांसफर किया गया?

