MP POLICE कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023, जो 7411 पदों के लिए आयोजित की गई थी, उसमें एक बड़े फ़्रॉड का ख़ुलासा हुआ है। इस परीक्षा में सॉल्वर गैंग की संलिप्तता सामने आई है। दस्तावेज़ों के सत्यापन (वेरिफिकेशन) के दौरान यह पाया गया कि कई उम्मीदवारों की जगह किसी और व्यक्ति ने परीक्षा दी थी।
आधार बायोमेट्रिक ने खोली पोल ऐसे ‘पकड़े गए’ धोखेबाज़
जाँच में सामने आया कि कई उम्मीदवारों ने परीक्षा से पहले और बाद में आधार कार्ड में अपने बायोमेट्रिक्स को अपडेट करवाया था। इसी से इस बात का शक़ पुख़्ता हो गया कि असली उम्मीदवार की जगह किसी ‘सॉल्वर’ ने परीक्षा दी थी। दस्तावेज़ों में भिन्नता पाए जाने के बाद कई ज़िलों में जाँच शुरू की गई। अब तक इस मामले में 16 एफ़आईआर (FIR) दर्ज की जा चुकी हैं और 24 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है। यह दिखाता है कि किस तरह इस धोखाधड़ी को अंजाम दिया गया था।
मुख्यमंत्री का सख़्त रुख़ किसी को बख्शा नहीं जाएगा
मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सख़्त रुख़ अपनाया है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म ‘एक्स’ (पहले ट्विटर) पर लिखा कि, “पुलिस आरक्षक भर्ती-2023 की प्रक्रिया में धोखाधड़ी एवं अनियमितता की जानकारी मिलने पर मैंने सख़्त कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।” उन्होंने आगे लिखा कि, “ऐसे आपराधिक कृत्य, जिनमें पात्र उम्मीदवारों के साथ अन्याय होता है, मध्यप्रदेश में सहन नहीं किए जाएँगे।” मुख्यमंत्री के इन निर्देशों के बाद माना जा रहा है कि इस मामले में शामिल कोई भी दोषी बख्शा नहीं जाएगा।
पुलिस मुख्यालय की ‘बारीक़ी से’ जाँच हर सफ़ल उम्मीदवार पर नज़र
मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद, पुलिस मुख्यालय (PHQ) ने स्वतः संज्ञान लेते हुए, सभी सफल उम्मीदवारों के बायोमेट्रिक डेटा और आधार हिस्ट्री की बारीक़ी से जाँच शुरू कर दी है। ‘कहा गया है’ कि अगर प्रथम दृष्टया किसी भी उम्मीदवार की जगह किसी दूसरे व्यक्ति (इंपर्सोनेशन) का पता चलता है, तो उनके ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कर सख़्त कार्रवाई की जा रही है। जाँच अभी भी जारी है और धोखाधड़ी से परीक्षा पास करने वालों के ख़िलाफ़ क़ानूनी कार्रवाई की जा रही है।
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कैसे हुआ ये गड़बड़झाला सॉल्वर गैंग का तरीक़ा
दरअसल, सत्यापन के दौरान जब उम्मीदवारों के दस्तावेज़ों की जाँच की गई, तो कुछ ज़िलों के उम्मीदवारों के दस्तावेज़ों में अंतर पाया गया। इसके बाद जब पड़ताल की गई, तो पता चला कि लिखित परीक्षा से पहले कुछ उम्मीदवारों ने अपने आधार कार्ड के बायोमेट्रिक्स को अपडेट करवाया था। इसके बाद, लिखित परीक्षा के बाद, बायोमेट्रिक्स को फिर से अपडेट किया गया। इस तरह, उम्मीदवार ख़ुद परीक्षा में न बैठकर, सॉल्वर को अपनी जगह बिठाने में कामयाब हुए। अब इस मामले की विस्तृत जाँच की जा रही है और अनियमितता पाए जाने पर एफ़आईआर दर्ज कर गिरफ़्तारियाँ की जा रही हैं।
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अस्वीकरण (Disclaimer)यह जानकारी मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2023 में हुए फ़्रॉड के संबंध में मीडिया रिपोर्टों और आधिकारिक बयानों पर आधारित है। जाँच प्रक्रिया अभी जारी है, और मामले से जुड़ी विस्तृत जानकारी और गिरफ़्तारियों की संख्या में बदलाव हो सकता है। किसी भी नवीनतम अपडेट के लिए कृपया संबंधित आधिकारिक स्रोतों या विश्वसनीय समाचार आउटलेट्स पर ही भरोसा करें।
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