Adani Group: अडानी ग्रुप ने इस बात की पुष्टि की है कि इज़राइल में अडानी ग्रुप का हाइफ़ा बंदरगाह हालिया ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल हमले के बावजूद पूरी तरह से चालू है. अडानी ग्रुप के ग्रुप सीएफओ जुगेशिंदर रोबी सिंह के अनुसार, ईरानी ठिकानों पर इज़राइली कार्रवाई के जवाब में किए गए इस हमले से बंदरगाह को कोई नुकसान नहीं हुआ है. यह ख़बर ऐसे समय में आई है जब मध्य पूर्व में तनाव अपने चरम पर है, और महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे की सुरक्षा एक बड़ी चुनौती बन गई है. हाइफ़ा पोर्ट का निर्बाध संचालन क्षेत्रीय स्थिरता के लिए भी महत्वपूर्ण है.
पोर्ट को नहीं पहुंचा कोई नुकसान सुरक्षा व्यवस्था मजबूत
रिपोर्ट्स के मुताबिक, मिसाइल के कुछ टुकड़े केमिकल टर्मिनल में गिरे ज़रूर थे, लेकिन इससे कोई हताहत नहीं हुआ. बंदरगाह सुरक्षा आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए इजराइली परिवहन मंत्रालय के साथ लगातार समन्वय बनाए हुए है, जिससे संचालन सुचारू रूप से चल रहा है. यह तालमेल बेहद महत्वपूर्ण है क्योंकि यह ऐसे तनावपूर्ण समय के दौरान बंदरगाह की लचीलेपन और परिचालन अखंडता को बनाए रखने में मदद करता है. साथ ही, बंदरगाह का अछूता रहना मज़बूत सुरक्षा उपायों का प्रमाण है, जो किसी भी अप्रत्याशित स्थिति से निपटने के लिए तैयार हैं.
हाइफ़ा बंदरगाह का रणनीतिक महत्व
हाइफ़ा बंदरगाह एक महत्वपूर्ण समुद्री केंद्र है, जो इज़राइल के 30 प्रतिशत से अधिक आयात को संभालता है. इस बंदरगाह का 70 प्रतिशत स्वामित्व अडानी पोर्ट्स के पास है, जो इसकी रणनीतिक अहमियत को दर्शाता है. मिसाइल हमला एक प्रमुख तेल रिफाइनरी के करीब होने के बावजूद, इसके किसी भी प्रभाव पर कोई आधिकारिक टिप्पणी नहीं आई है. यह बंदरगाह इज़राइल की अर्थव्यवस्था के लिए जीवन रेखा के समान है, और इसका निर्बाध संचालन देश की आपूर्ति श्रृंखला के लिए महत्वपूर्ण है.
अडानी पोर्ट्स के कुल कारोबार में कम हिस्सा फिर भी मायने रखता है
हाइफ़ा बंदरगाह अडानी पोर्ट्स एंड एसईजेड (APSEZ) द्वारा संभाले जाने वाले कुल कारोबार के 2 प्रतिशत से भी कम का प्रतिनिधित्व करता है, और इसके राजस्व में लगभग 5 प्रतिशत का योगदान देता है. यह अप्रभावित संचालन क्षेत्रीय तनाव के बीच बंदरगाह की लचीलेपन को रेखांकित करता है. पास में स्थित चीनी बंदरगाह भी सामान्य रूप से संचालित हो रहा है, जो क्षेत्र में समुद्री गतिविधियों को और स्थिर करता है. दोनों बंदरगाहों पर संचालन की निर्बाध निरंतरता क्षेत्र में वस्तुओं और सेवाओं के प्रवाह को बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है, जिससे व्यापार और वाणिज्य अप्रभावित रहते हैं.
क्षेत्रीय स्थिरता में अहम भूमिका
हाइफ़ा बंदरगाह का हमला झेलने के बावजूद पूरी तरह से चालू रहना न सिर्फ़ अडानी ग्रुप के लिए, बल्कि इज़राइल और पूरे क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक संकेत है. यह दिखाता है कि गंभीर चुनौतियों के बावजूद, महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे को सुरक्षित और कार्यात्मक रखा जा सकता है. ऐसे समय में जब भू-राजनीतिक तनाव बढ़ रहा है, बंदरगाहों का निर्बाध संचालन वैश्विक व्यापार मार्गों और आपूर्ति श्रृंखलाओं की स्थिरता सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाता है. यह क्षेत्र में सामान्य स्थिति और भरोसे को बनाए रखने में भी मदद करता है.
अस्वीकरण: यहाँ दी गई जानकारी अडानी ग्रुप और विभिन्न मीडिया रिपोर्ट्स द्वारा दी गई पुष्टि पर आधारित है. युद्धग्रस्त क्षेत्रों में स्थिति तेज़ी से बदल सकती है. किसी भी विशिष्ट व्यापारिक या यात्रा संबंधी निर्णय लेने से पहले नवीनतम आधिकारिक जानकारी की पुष्टि करें.