Cancer Causes And AIIMS Research: कैंसर सिर्फ़ खान-पान या जीवनशैली से जुड़ा नहीं है. यह इस बात पर भी निर्भर करता है कि हम कैसे रहते हैं, कितनी साफ़-सफाई रखते हैं और क्या हम अपने दाँतों की ठीक से सफ़ाई करते हैं या नहीं. हाल ही में AIIMS के एक शोध में बताया गया है कि कैंसर को हराने, खासकर मुँह के कैंसर (Oral Cancer) को रोकने के लिए मुँह की सेहत यानी ओरल हेल्थ को ठीक रखना ज़रूरी है. कैंसर का हाइजीन से गहरा संबंध है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए.
शोध क्या कहता है?
नए शोध में बताया गया है कि ओरल हाइजीन सिर्फ़ दिल, मधुमेह और गर्भावस्था को ही प्रभावित नहीं करती, बल्कि यह हमें कैंसर से लड़ने में भी मदद करती है. दिल्ली के AIIMS के ऑन्कोलॉजी विभाग (Oncology Department) के एक अध्ययन में साफ़-साफ़ बताया गया है कि जो कैंसर मरीज़ अपने मुँह की ठीक से सफ़ाई रखते हैं, उनकी रिकवरी भी बेहतर होती है. साथ ही, कैंसर होने की संभावना भी कम होती है. शोध के अनुसार, हमारी अच्छी ओरल हेल्थ से सिर और गर्दन के कैंसर (Head and Neck Cancer) की संभावना भी कम हो जाती है.
कैंसर के इलाज में ओरल हाइजीन क्यों है ज़रूरी
कैंसर का इलाज करवाते समय रेडिएशन थेरेपी ली जाती है. यह थेरेपी इतनी मज़बूत होती है कि मुँह में मौजूद अच्छे बैक्टीरिया भी नष्ट हो जाते हैं, जिससे ओरल हेल्थ और भी खराब हो जाती है. इससे दाँतों की समस्याएँ भी हो सकती हैं. इसलिए, इस समय उन्हें अपने इलाज के साथ-साथ मुँह की सही सफ़ाई भी बनाए रखनी होती है.
मुँह की सही सेहत कैसे बनाए रखें
इसके लिए शोध टीम का कहना है कि बच्चों को शुरुआत से ही ब्रश करने की अच्छी आदतें सिखाना एक बेहतर तरीका है. साथ ही, बच्चों और वयस्कों के लिए ब्रशिंग प्रोग्राम शुरू किए जा सकते हैं, जो उन्हें ओरल हेल्थ के बारे में बता सकें. ब्रश करने के सही तरीकों को समझना और सीखना एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसे किसी डेंटिस्ट से सीखा जा सकता है. लेकिन सरकार किसी भी तरह की ओरल हेल्थ प्रॉब्लम के इलाज के लिए आसान और सस्ते टेस्ट विकसित कर सकती है.
मुँह के कैंसर के संकेत: इन पर दें ध्यान
- मुँह में घाव और गले में गांठें.
- मुँह के अंदर लाल धब्बे और चकत्ते.
- निगलने और चबाने में कठिनाई.
- आवाज़ में बदलाव.
- दाँतों का ढीला होना.
- वज़न कम होना.
डिस्क्लेमर: यह जानकारी केवल सामान्य जागरूकता और शोध पर आधारित है. किसी भी स्वास्थ्य समस्या के लिए हमेशा योग्य डॉक्टर या विशेषज्ञ से परामर्श करें.