भेल भोपाल।
योग अनुसंधान केन्द्र कस्तूरबा चिकित्सालय हबीबगंज पर शारदीय नवरात्रि साधना शिविर का आयोजन 22 से 30 सितंबर तक शाम 4.30 से 6.00 बजे और 1 अक्टूबर को हवन- पूर्णाहुति प्रातः 7.00 बजे होगा। योग में भक्ति साधना से शक्ति का जागरण कर शरीर को स्वस्थ रखने और आध्यात्मिक उन्नति के मार्ग को प्रशस्त कर सकते हैं।
नवरात्रि योग साधना में माता की विशेष कृपा उसके पुत्रों पर होती है जिससे आत्म-शुद्धि, आध्यात्मिक विकास और आंतरिक शक्ति की प्राप्ति होती है। नवरात्रि साधना के दौरान योगाभ्यास और ध्यान करने से मन, शरीर और आत्मा को प्रकृति के साथ मिलाने में मदद मिलती है, इन दिनों आध्यात्मिक यात्रा करने का सही समय माना जाता है, व्यक्ति को अपने भीतर की दिव्य ऊर्जा से जुड़ने और आंतरिक बाधाओं पर विजय प्राप्त करने का अवसर मिलता है।
नवरात्रि में एक सामान्य मंत्र ‘ॐ ऐं ह्रीं क्लीं सर्वमाङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।’ है, इस मंत्र के जाप करने से सभी मनोकामनाओं को पूरा करने वाला माना जाता है। नवार्ण मंत्र “ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै” यह भी बहुत शक्तिशाली मंत्र है। बीज मंत्रों का जाप करने से देवी दुर्गा की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
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नौ देवियों के बीज मंत्र क्रमशः मां शैलपुत्री: ह्रीं शिवायै नमः, मां ब्रह्मचारिणी: ह्रीं श्री अम्बिकायै नमः, मां चंद्रघंटा: ऐं श्रीं शक्तयै नमः, मां कूष्मांडा: ऐं ह्रीं देव्यै नमः, मां स्कंदमाता: ह्रीं क्लीं स्वमिन्यै नमः, मां कात्यायनी: क्लीं श्री त्रिनेत्रायै नमः, मां कालरात्रि: क्लीं ऐं श्री कालिकायै नमः, मां महागौरी: श्री क्लीं ह्रीं वरदायै नमः, मां सिद्धिदात्री: ह्रीं क्लीं ऐं सिद्धये नमः।
योग अनुसंधान केन्द्र के स्वामी अमृत बिन्दु जी प्रतिवर्ष नवरात्रि साधना शिविर का आयोजन कर योग साधकों को साधना करवाते हैं जिससे उनमें शक्ति का संचार होकर वे अपने जीवन के लक्ष्य के प्रति अग्रसर होकर स्वस्थ जीवनशैली का आनंद प्राप्त करते हैं।
यह जानकारी देवीशंकर कुन्हारा ने दी।