Vomiting Home Remedies: उबकाई (Nausea) आना या उल्टी होना एक आम स्वास्थ्य समस्या है, जो गलत खान-पान, पेट फूलने, गैस, अपच (Indigestion) या यात्रा (Motion Sickness) के दौरान हो सकती है। आयुर्वेद विशेषज्ञ आचार्य बालकृष्ण अक्सर सोशल मीडिया के ज़रिए स्वास्थ्य संबंधी सलाह साझा करते हैं। आचार्य बालकृष्ण ने बताया है कि कैसे आप किचन में मौजूद चीज़ों की मदद से उल्टी और जी मिचलाने की समस्या से तुरंत छुटकारा पा सकते हैं। आइए जानते हैं उल्टी को झटपट रोकने के लिए उनके बताए रामबाण नुस्खे।
शहद के साथ आंवला पाउडर चाटें
आचार्य बालकृष्ण के अनुसार, अगर आपको लगातार उल्टी हो रही है और जी मिचला रहा है, तो शहद (Honey) में आंवला पाउडर मिलाकर चाटना चाहिए। यह नुस्खा तुरंत उल्टी रोकने में मदद कर सकता है। आंवला में मौजूद पोषक तत्व पेट की समस्याओं को शांत करते हैं और पाचन को बेहतर बनाते हैं। यह सबसे तेज़ और आसान घरेलू उपाय है।
आंवले का मुकुट खाने का उपाय
उल्टी की समस्या से निजात पाने के लिए आंवले का सेवन एक और तरीके से किया जा सकता है। आप सिर्फ आंवले के मुकुट (Amla Crown) वाले हिस्से को चबाकर खा सकते हैं। इसके अलावा, सूखे आंवले को रात भर पानी में भिगोकर रखें और अगली सुबह उस पानी को छानकर पी लें। यह भी पेट को साफ़ करने और उल्टी रोकने में काफ़ी असरदार होता है।
आंवला शरबत देता है शक्ति
आचार्य बालकृष्ण ने उल्टी से राहत पाने के लिए आंवले का शरबत पीने की भी सलाह दी है। आंवले का जूस निकालकर इसे धूप में रखकर बोतल में स्टोर कर लें, ऐसा करने से जूस खराब नहीं होगा। इस जूस में मिश्री (Sugar Candy) मिलाकर शरबत की तरह पीने से पेट की सफाई होती है और शरीर को ताकत (Strength) मिलती है।
उल्टी के ये कारण भी हैं ज़िम्मेदार
उल्टी होने के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें गलत या सड़ा-गला खाना, गैस्ट्रोपेरेसिस जैसी पुरानी स्थितियाँ, मोशन सिकनेस (यात्रा के दौरान), मानसिक कारण, चिंता (Anxiety), या पाचन संबंधी विकार शामिल हैं। उल्टी आने पर ट्रिगर (कारण) को पहचानना और उससे बचना बहुत ज़रूरी है।
Read Also: श्री धूनीवाले दादाजी की पुण्यतिथि पर रुद्राभिषेक, हवन और भव्य इको–फ्रेंडली भंडारे का आयोजन
डॉक्टर से कब मिलें?
हालांकि, घरेलू नुस्खे राहत देते हैं, लेकिन कुछ गंभीर लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए:
- अगर उल्टी के साथ दिल के दौरे (Heart Attack) जैसे लक्षण हों।
- सिर में तेज़ दर्द, गर्दन में अकड़न या रोशनी से संवेदनशीलता हो।
- सिर पर चोट लगने के बाद उल्टी हो।
- उल्टी में खून आ रहा हो।
- उल्टी के साथ पेट के दाईं ओर दर्द हो (अपेंडिसाइटिस का लक्षण)।
