भोपाल. राजधानी के भेल दशहरा मैदान पर चल रहे भोजपाल महोत्सव मेला में शुक्रवार को देश के प्रसिद्ध भजन गायक मनीष अग्रवाल ने सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी। उन्होंने चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है से भजनों की शुरुआत की इसके बाद अंगना पधारो महारानी, कालों की काल महाकाली, शिव जी की बारात, मगरो के रथ पे आओ हे नर्मदा कुंवारी, गूंज रही महाकाली, बिगड़ी मेरी बना दो मैहर की शारदा माँ जैसी एक से बढकऱ एक सुमधुर भजनों की प्रस्तुति देकर दर्शकों को झूमने पर मजबूर कर दिया। गुरुवार शाम 7.30 बजे मुख्य अतिथि हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष चंद्रशेखर तिवारी, भोपाल जाट समाज के अध्यक्ष हरकिशन डागर, विशिष्ठ अतिथि वरिष्ठ समाजसेवी शुशील अग्रवाल, लक्ष्मण सिंह, महेश मालवीय, मेला अध्यक्ष सुनील यादव, संजोयक विकास वीरानी, महामंत्री हरीश कुमार राम, उपाध्यक्ष वीरेंद्र तिवारी, महेंद्र नामदेव, अखिलेश नगर सहित मेला टीम ने गणेश वंदना और दीप प्रज्जवलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
सूफी नाइट में डिंपल भूमि की प्रस्तुति आज
देश की जानी-मानी गायिका डिंपल भूमि अपनी रूहानी आवाज और वर्सेटाइल गायकी के लिए पहचानी जाती हैं। वे मुख्य रूप से सूफी संगीत, गजल और भजनों के माध्यम से दर्शकों के दिलों में जगह बना चुकी हैं। कल आयोजित होने वाली ‘सूफी नाइट’ में उनकी प्रस्तुति को लेकर संगीत प्रेमियों में काफी उत्साह है। डिंपल भूमि महाराष्ट्र के औरंगाबाद की रहने वाली हैं। उन्हें सूफी कलाम के साथ-साथ गजल, लोकगीत और भक्ति संगीत (भजन) में महारत हासिल है। वे एक गायिका के साथ-साथ संगीतकार और गीतकार भी हैं। उन्होंने महुआ प्लस के रियलिटी शो “चल बलिये सुर क्षेत्र में” के ग्रैंड फिनाले (टॉप 4) में अपनी जगह बनाई थी, जिससे उन्हें घर-घर में पहचान मिली। सूफी रातों में वे अक्सर ‘छाप तिलक’, ‘मोसे नैना मिलायके’ और ‘सांसों की माला पे’ सोचता हूं कि वो कितने मासूम थे, श्री राम जानकी बैठे हैं मेरे सीने में, जैसे प्रसिद्ध भजनों गीतों और कलामों को अपने खास अंदाज में प्रस्तुत देती हैं।
राम आएंगे तो अंगना सजाऊंगी स्वाति मिश्रा की प्रस्तुति कल
भजन गायिका स्वाति मिश्रा भारत की सबसे चर्चित और लोकप्रिय भक्ति गायिकाओं में से एक हैं। उन्हें विशेष रूप से उनके भजन “राम आएंगे” (मेरी झोपड़ी के भाग आज खुल जाएंगे) के लिए राष्ट्रव्यापी प्रसिद्धि मिली है। स्वाति मिश्रा बिहार के छपरा (सारण) जिले के माला गांव की रहने वाली हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शास्त्रीय संगीत में प्रशिक्षण लिया और संगीत में मास्टर डिग्री हासिल की है।
मेले में मिल रही विभिन्न वैरायटी
महामंत्री हरीश कुमार राम ने बताया कि मेले में हस्त निर्मित स्वदेशी मिट्टी के बर्तन और खिलौनों के साथ ही बनारस की साड़ी, सहारनपुर का वुडन, कश्मीर के ऊलन, भदोंही का कारपेट, राजस्थान की मेलामाइन क्रॉकरी, ग्वालियर की गजक की विभिन्न वैरायटी मिल रही है। 100 से ज्यादा खान-पान के स्टाल के साथ ही विभिन्न आयटमों की करीब 400 दुकानें हैं, जहां लोग जमकर खरीदारी कर रहे हैं। लोगों को मेले में एह ही स्थान पर जरूरत की हर प्रकार की सामग्री उपलब्ध है।
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मेला टीम के नायक, संभाल रहे व्यवस्था
मेला टीम के सदस्य मेले की पूरी व्यवस्था संभाल रहे हैं। इनमें विनय कुमार, मो. जाहिद खान, सुनील शाह, मधु भवनानी, केश कुमार, चंदन वर्मा, दीपक शर्मा, गोपाल शर्मा, भूपेंद्र सिंह, मो. रेहान खान, दीपक बैरागी, देंवेंद्र चौकसे, सुनील वैष्णव, गौरव जैन, संदीप सहित मेला समिति से जुड़े अन्य लोग शामिल हैं।
