भोपाल।
राजधानी भोपाल का कुख्यात ईरानी डेरा यूं ही बदनाम नहीं है। यहां रहने वाले करीब 70 परिवारों के लगभग हर घर से किसी न किसी सदस्य का आपराधिक रिकॉर्ड जुड़ा हुआ है। पुलिस जांच में सामने आया है कि यह डेरा सिर्फ मध्यप्रदेश ही नहीं, बल्कि देश के 12 राज्यों में लूट, चोरी और ठगी की वारदातों को अंजाम देता रहा है। गिरोह के सदस्य फिल्म ‘स्पेशल 26’ की तर्ज पर नकली सेल टैक्स, कस्टम, सीबीआई और पुलिस अधिकारी बनकर सुनियोजित तरीके से ठगी और लूट करते हैं। वारदात से पहले पूरी प्लानिंग होती है और पकड़े जाने पर कोई भी आरोपी अपने साथियों का नाम उजागर नहीं करता।
लूट और ठगी से हासिल रकम सीधे डेरे के सरदार के पास जाती है। वही तय करता है कि वारदात में शामिल सदस्यों को कितना हिस्सा मिलेगा। यदि कोई सदस्य पुलिस के हत्थे चढ़ जाता है, तो उसे छुड़ाने से लेकर उसकी गैरमौजूदगी में परिवार के भरण-पोषण की जिम्मेदारी भी सरदार ही उठाता है। सरदार का चयन कबीले की पंचायत में होता है, जहां दावेदारी का मुख्य आधार पुराना और गंभीर आपराधिक रिकॉर्ड होता है। जितने ज्यादा संगीन मामले, उतनी मजबूत दावेदारी। भोपाल की अमन कॉलोनी स्थित ईरानी डेरे की सरदारी फिलहाल राजू ईरानी और जाकिर ईरानी के पास है।
पुलिस तमाम प्रयासों के बावजूद मुख्य सरगना राजू ईरानी तक पहुंचने में नाकाम रही है। 28 दिसंबर को पुलिस ने राजू की गिरफ्तारी के लिए दबिश दी, लेकिन हंगामे के बीच वह फरार हो गया। पुलिस जांच में खुलासा हुआ है कि गैंग का नेटवर्क महाराष्ट्र, कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, राजस्थान समेत 12 राज्यों में फैला है। महाराष्ट्र और राजस्थान पुलिस लंबे समय से राजू ईरानी और उसके साथियों की तलाश कर रही है। वहीं, दिल्ली पुलिस पहले ईरानी डेरे से जुड़े दो बदमाशों का एनकाउंटर भी कर चुकी है।
