शहर या गांव… कहां है अधिक बेरोजगारी? सरकारी आंकड़े से सामने आ गई सच्चाई

नई दिल्ली

देश में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में बेरोजगारी से जुड़ा आंकड़ा जारी किया गया है। गुरुवार को पीरियॉडिक लेबर फोर्स सर्वे की तरफ से मासिक बुलेटिन जारी किया गया है। इसके अनुसार अप्रैल में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के लोगों के लिए बेरोजगारी दर 5.1% थी। बेरोजगारी की यह दर ग्रामीण क्षेत्रों में यह 4.5% और शहरी केंद्रों में 6.5% थी।

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जनवरी से पीएलएफएस में सुधार किया गया है। समय पर नीतिगत हस्तक्षेप में सहायता के लिए बढ़ी हुई कवरेज के साथ हाई फ्रीक्वेंसी श्रम बाजार डेटा की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए मासिक बुलेटिन के रूप में नौकरियों के आंकड़ों में लेटेस्ट जोड़ किया गया है। इसमें शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों के डेटा शामिल हैं।

किस उम्र के कितने बेरोजगार?
आंकड़ों के अनुसार 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग के पुरुषों में बेरोजगारी दर 5.2% थी, जबकि इस श्रेणी की महिलाओं में यह 5% थी। अप्रैल के दौरान 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के ग्रामीण पुरुषों में बेरोजगारी दर 4.9% थी। वहीं, महिलाओं में यह 3.9% थी। शहरी क्षेत्रों में, अप्रैल में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु वर्ग की महिलाओं में बेरोजगारी दर 8.7% थी। जबकि इसी आयु वर्ग के पुरुषों में यह 5.8% थी।

क्या दर्शा रहे ये आंकड़े
वर्तमान साप्ताहिक स्थिति (सीडब्ल्यूएस) के तहत बेरोजगारी के अनुमान सर्वेक्षण अवधि के दौरान सात दिनों की छोटी अवधि में बेरोजगारी की औसत तस्वीर प्रदान करते हैं। एक व्यक्ति को एक सप्ताह में बेरोजगार माना जाता है यदि उसने संदर्भ सप्ताह के दौरान किसी भी दिन एक घंटे भी काम नहीं किया, लेकिन इस अवधि के दौरान किसी भी दिन कम से कम एक घंटे के लिए काम की मांग की या काम के लिए उपलब्ध था।

सांख्यिकी कार्यालय ने कहा कि जनवरी 2025 के बाद पीएलएफएस के परिणामों को उस संदर्भ में समझने और उपयोग करने की आवश्यकता है। इसके लिए सर्वेक्षण की सैंपल सेलेक्शन मेथडलॉजी तैयार की गई है। अक्टूबर-दिसंबर तिमाही के पिछले आंकड़ों से पता चला है कि शहरी क्षेत्रों में बेरोजगारी 6.4% थी।

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