6 साल में जो नहीं हुआ वो हो गया… राहत या आफत? आप पर पड़ेगा सीधा असर

नई दिल्‍ली

सब्जियों और फलों के दाम कम होने से खुदरा महंगाई दर अप्रैल में घटकर 3.16 फीसदी पर आ गई। यह पिछले छह सालों में सबसे कम है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर अप्रैल में 3.16 फीसदी रही। यह जुलाई 2019 के बाद सबसे कम है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को सरकार ने महंगाई को 2 फीसदी घट-बढ़ के साथ 4 फीसदी पर बनाए रखने की जिम्मेदारी दी है। इस तरह उसकी पॉलिसी टारगेट पर है।

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अप्रैल महीने में खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई है। यह दर 3.16 फीसदी रही, जो लगभग छह साल का सबसे निचला स्तर है। मार्च 2025 में यह महंगाई दर 3.34 फीसदी थी। वहीं, अप्रैल 2024 में 4.83 फीसदी थी। सब्जियों और फलों के दाम कम होने से महंगाई में कमी आई है।

खाने-पीने की चीजें अब हो रही हैं सस्ती
पिछले महीने खाने-पीने की चीजों की महंगाई दर 1.78 फीसदी रही। एक साल पहले यह 8.7 फीसदी थी। मार्च में यह दर 2.69 फीसदी थी। इसका मतलब है कि खाने-पीने की चीजें अब सस्ती हो रही हैं।

आरबीआई ने कहा है कि खुदरा महंगाई दर अब संतोषजनक स्तर पर है। सरकार ने आरबीआई को महंगाई को 4 फीसदी के आसपास रखने का लक्ष्य दिया है। आरबीआई ने ब्याज दरों में 0.50 फीसदी की कटौती की है। ऐसा इसलिए किया गया है ताकि लोगों को लोन आसानी से मिल सके।

महंगाई पर क्‍या है आरबीआई का अनुमान?
आरबीआई का अनुमान है कि वित्त वर्ष 2025-26 में खुदरा महंगाई दर 4 फीसदी रहेगी। पहली तिमाही में यह 3.6 फीसदी, दूसरी तिमाही में 3.9 फीसदी, तीसरी तिमाही में 3.8 फीसदी और चौथी तिमाही में 4.4 फीसदी रहने का अनुमान है।

आंकड़ों के अनुसार, ‘अप्रैल में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) पर आधारित महंगाई दर 3.16 फीसदी रही, जो जुलाई, 2019 के बाद का सबसे निचला स्तर है। जुलाई, 2019 में यह 3.15 फीसदी थी।’ इसका मतलब है कि महंगाई अब कंट्रोल में है। आरबीआई का मानना है कि आने वाले समय में भी महंगाई 4 फीसदी के आसपास रहेगी। इससे लोगों को राहत मिलेगी और वे आसानी से चीजें खरीद पाएंगे।

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