अहमदाबाद
गुजरात दंगों की पीड़िता बिलकिस बानो ने अपने गुनहगारों की रिहाई पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि न्याय पर उनका भरोसा टूट गया है। 15 अगस्त को बिलकिस बानो गैंगरेप और उनके परिवार के 7 सदस्यों की हत्या करने वाले 11 दोषियों को गुजरात सरकार के फैसले के बाद गोधरा उप जेल से रिहा कर दिया गया। गुजरात सरकार ने अपनी क्षमा नीति के तहत यह फैसला लिया।
सरकार के निर्णय की आलोचना करते हुए बिलकिस बानो ने कहा कि किसी ने भी इतना बड़ा और अन्यायपूर्ण फैसला लेने से पहले उनकी सुध नहीं ली और न ही उनकी सुरक्षा को लेकर पूछा। बिलकिस बानो ने गुजरात सरकार से फैसला वापस लेने और बिना डर के शांति से जीने से उनके अधिकार को वापस देने की अपील की।
‘मेरा अतीत फिर से सामने आ गया’
बिलकिस बानो की ओर से उनकी वकील शोभा द्वारा जारी एक बयान के अनुसार, उन्होंने कहा, ‘दो दिन पहले 15 अगस्त, 2022 को जब मैंने सुना कि मेरे परिवार और मेरी जिन्दगी बर्बाद करने वाले, मुझसे मेरी तीन साल की बेटी को छीनने वाले 11 दोषियों को आजाद कर दिया गया है तो 20 साल पुराना भयावह अतीत मेरे सामने मुंह बाए खड़ा हो गया।’
‘मेरे पास शब्द नहीं’
बिलकिस बानो ने अपने बयान में कहा कि सरकार के फैसले से वह अचेत हैं। उन्होंने कहा, ‘मेरे पास शब्द नहीं बचे हैं। मैं सदमे में हूं। मैं सिर्फ इतना कह सकती हूं कि किसी महिला के लिए न्याय इस तरह कैसे खत्म हो सकता है?’ बिलकिस बानो ने कहा,’मैंने अपने देश की न्यायालय पर भरोसा किया। मैंने सिस्टम पर भरोसा किया और मैं धीरे-धीरे अपने ट्रामा के साथ रहना सीख रही थी।’
गुजरात दंगों की पीड़िता ने कहा, ‘मेरा दुख और डगमगाता भरोसा मेरे अकेले के लिए नहीं है बल्कि हर उस महिला के लिए है जो कोर्ट में इंसाफ की जंग लड़ रही है।’ बिलकिस बानो ने राज्य सरकार से अपनी और अपने परिजनों की सुरक्षा की मांग की।