12.8 C
London
Friday, October 17, 2025
Homeअंतरराष्ट्रीयअमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने उठाया यह कदम, भारत के लिए बढ़ीं...

अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने उठाया यह कदम, भारत के लिए बढ़ीं मुश्किलें

Published on

नई दिल्ली,

रूसी अर्थव्यवस्था को कमजोर करने के मकसद से अमेरिका और यूरोपीय यूनियन की ओर से रूसी कच्चे हीरों पर लगाए गए प्रतिबंध का असर भारत पर भी दिखने लगा है. रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी और यूरोपीय देशों ने भारतीय हीरा व्यापारियों से यह पूछना शुरू कर दिया है कि उनके देश में निर्यात किया जा रहा हीरा कहां का है. ऐसे में भारतीय हीरा निर्यातकों को व्यापार में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है जिससे बाजार और निर्यात पर भी असर पड़ रहा है.

दरअसल, अमेरिकी और यूरोपीय देशों ने रूसी मूल के कच्चे और प्रोसेस्ड (कटिंग और पॉलिशिंग) हीरों के सीधे आयात पर प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. इसके तहत हीरे को खनन के समय से लेकर सप्लाई चेन और ग्राहक तक ट्रैक किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि हीरा रूस का नहीं है. हालांकि, यह प्रतिबंध एक कैरेट या इससे बड़े रूसी हीरों पर लगाया गया है.

अंग्रेजी अखबार ‘इकोनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारतीय हीरा निर्यातक दुविधा में हैं क्योंकि अमेरिका और यूरोप के आयातक हीरों के स्रोत की घोषणा की मांग कर रहे हैं. यहां तक कि छोटे हीरों के निर्यात पर भी इसकी जानकारी मांगी जा रही है कि यह हीरा मूल रूप से किस देश का है, जबकि फिलहाल छोटे हीरों पर इस तरह का प्रतिबंध नहीं लगाया है.

भ्रम की स्थिति से बाजार पर भी हो रहा है असर
भारतीय हीरा व्यापारियों का कहना है कि जी-7 देशों के कई आयातकों ने स्रोतों की पुष्टि किए बिना पॉलिश किए गए हीरे को खरीदने से इनकार कर दिया है. जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के अध्यक्ष विपुल शाह का कहना है कि भले ही एक कैरेट और उससे अधिक कटे और पॉलिश किए गए हीरों के लिए स्रोतों की जानकारी देने की आवश्यकता होती है. लेकिन आयातक उससे छोटे हीरों के निर्यात के लिए भी इसकी मांग कर रहे हैं. इससे बाजार में बहुत भ्रम पैदा हो रहा है और भारत से कटे और पॉलिश किए गए हीरों के निर्यात पर असर पड़ रहा है.

नाम ना बताने की शर्त पर एक वरिष्ठ हीरा निर्यातक ने कहा कि अमेरिकी बैंक हीरा आयातकों से अधिक से अधिक जानकारी मांग रहे हैं जिससे भारतीय निर्यातकों को भुगतान करने में देरी हो रही है.शाह ने कहा है कि हीरा उद्योग ने इस समस्या को सुलझाने के लिए भारत सरकार से संपर्क किया है. हमने वाणिज्य मंत्रालय से भी इस मामले को तत्काल देखने का अनुरोध किया है. सरकार ने भी इस मामले को राजनयिक स्तर पर उठाया है.

रूसी हीरों के आयात पर रोक
1 मार्च से लागू नए नियमों के अनुसार, अमेरिका और यूरोपीय यूनियन ने 1 कैरेट या उससे ज्यादा वजन के कटे और पॉलिश किए गए ऐसे हीरों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया है जो किसी अन्य देशों में काटे और पॉलिश किए जाते हैं लेकिन उसका मूल स्रोत रूस हो. छोटे हीरे यानी 1 कैरेट से कम के हीरे पर प्रतिबंध 1 सितंबर से लागू होगा. अमेरिका और यूरोपीय यूनियन का यह नया कदम इसलिए भारत के लिए झटका है क्योंकि दुनिया भर में उपलब्ध 10 कच्चे हीरों में से 9 को भारत काटता और पॉलिश करता है. भारत ज्यादातर हीरे रूस और दक्षिण अफ्रीकी खदानों से आयात करता है.

Latest articles

रानी कमलापति स्वदेशी मेला का शुभारंभ आज शाम 5 बजे

आत्मनिर्भर भारत अभियान के अंतर्गत स्वदेशी वस्तुओं ओ अपनाने, व्यापक प्रचार प्रसार हेतु गौहर...

थ्रिफ्ट का एक बंदा सब पर भारी एचआर में भेजो साहब!

भेल की गपशप—केसी दुबेपिछले दो माह से राजनीति का अखाड़ा बनी बीएचईई थ्रिफ्ट एंड...

भेल के ठेका श्रमिकों पर काली दिवाली के संकटश्रमिकों ने किया पिपलानी शास्त्री मार्केट में प्रदर्शनबोनस का भुगतान न होने से श्रमिकों में आक्रोश

भेल भोपाल ।भेल भोपाल वर्ड्स कॉन्ट्रैक्ट यूनियन के पदाधिकारी ने शास्त्री मार्केट पिपलानी में...

More like this

पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुंबई में मुलाकात: FTA लागू करने पर बनी सहमति, भारत-UK संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के राजभवन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर...

Russian Submarine Near Japan: जापान के पास रूसी परमाणु पनडुब्बी की तैनाती से वैश्विक तनाव बढ़ा

Russian Submarine Near Japan:जापान के पास रूस द्वारा पहली बार परमाणु पनडुब्बी की तैनाती...