11.6 C
London
Tuesday, October 14, 2025
Homeअंतराष्ट्रीयरूस फिर साबित हुआ सच्चा दोस्त, 6 और न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने...

रूस फिर साबित हुआ सच्चा दोस्त, 6 और न्यूक्लियर पावर प्लांट बनाने में भारत की करेगा मदद

Published on

नई दिल्ली,

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दो दिवसीय रूस यात्रा के दौरान, नई दिल्ली और मॉस्को ने व्यापार, ऊर्जा, जलवायु और अनुसंधान सहित कई क्षेत्रों में 9 समझौतों पर हस्ताक्षर किए. इस दौरान दोनों देशों के बीच कई बड़ी परियोजनाओं को लेकर सहमति बनी, जिसमें रूस के सहयोग से भारत में 6 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने पर भी बातचीत हुई. रूस की परमाणु ऊर्जा एजेंसी रोसाटॉम (Rosatom) इन न्यूक्लियर पावर प्लांट्स को बनाने में भारत की मदद करेगी. बता दें कि रूसी एजेंसी पहले भी कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा संयंत्र (KKNPP) को स्थापित करने में भारत की मदद कर चुकी है.

भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मॉस्को की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से उनके आधिकारिक निवास स्थान क्रेमलिन में मुलाकात की थी. दोनों नेताओं ने यहां चाय पर चर्चा की और बाद में द्विपक्षीय वार्ता में हिस्सा लिया, जिसमें रूसी सरकार के स्वामित्व वाले रोसाटॉम ने 6 नए न्यूक्लियर पावर प्लांट्स बनाने भारत की मदद करने की पेशकश की. इसके अलावा रूसी प्रत्यक्ष निवेश कोष (Russian Direct Investment Fund) ने फार्मा, जहाज निर्माण और शिक्षा क्षेत्र में भारत के साथ समझौतों पर हस्ताक्षर किए.

रूस के दूसरे सबसे बड़े बैंक ने दोनों देशों के बीच व्यापार बढ़ने पर पेमेंट फ्लो को आसान बनाने के प्रयासों पर भारत के साथ बात की. रोसाटॉम ने एक बयान में कहा कि भारत के साथ सहयोग के नए क्षेत्रों पर चर्चा की जा रही है- एक नई साइट पर रूसी डिजाइन की 6 और हाई-पावर न्यूक्लियर यूनिट्स का निर्माण और कुछ छोटे परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने में भारत का सहयोग करने पर हमारी बातचीत हुई है. इसी साल मई महीने में रोसाटॉम ने भारत को फ्लोटिंग परमाणु ऊर्जा संयंत्र (FNPP) के निर्माण और संचालन की तकनीक ऑफर की थी.

रूस के पास है फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट
वर्तमान में रूस ही दुनिया का एकमात्र देश है जिसके पास पानी पर तैरता हुआ परमाणु ऊर्जा संयंत्र है. इस परमाणु संयंत्र को एकेडेमिक लोमोनोसोव जहाज पर असेंबल किया गया है. रूस के पेवेक में बिजली सप्लाई इसी फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट से हो रही है. पेवेक नॉर्थ आर्कटिक में स्थित रूस का एक बंदरगाह शहर है. रूस के अलावा अन्य कोई देश अब तक फ्लोटिंग न्यूक्लियर पावर प्लांट की तकनीक विकसित नहीं कर सका है. इस तरह के संयंत्र से दूरदराज के क्षेत्रों या समुद्र में स्थित द्वीपों तक भी निर्बाध बिजली सप्लाई की जा सकती है.

रोसाटॉम और भारत उत्तरी समुद्री मार्ग की ट्रांजिट क्षमता को विकसित करने पर भी चर्चा कर रहे हैं. यह समुद्री मार्ग नॉर्वे के साथ रूस की सीमा के पास मरमंस्क से पूर्व की ओर अलास्का के पास बेरिंग जलडमरूमध्य तक फैला है. इस सी रूट का विशेष रूप से रूसी तेल, कोयला और लिक्विड नेचुरल गैस की आपूर्ति के लिहाज से काफी महत्व है. रूस को उम्मीद है कि एनएसआर के जरिए वह 2030 तक 150 मिलियन मीट्रिक टन का परिवहन कर सकेगा, जो इस वर्ष 80 मिलियन मीट्रिक टन से अधिक रहा है.

Latest articles

बार-बार Acidity से हैं परेशान? सिर्फ मसालेदार खाना नहीं, ये 3 अंदरूनी कमी हैं पेट की जलन की असली वजह!

एसिडिटी (Acidity) या एसिड रिफ्लक्स आजकल एक आम समस्या बन गई है, जिसमें पेट...

भेल क्षेत्र में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने निकाली रैली

भेल भोपाल । श्री राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा शताब्दी वर्ष अंतर्गत पूरे भारत में...

भेल में जीएसटी जागरूकता एवं अनुपालन विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन

भेल भोपाल ।वित्त विभाग, बीएचईएल , भोपाल के तत्वावधान में,जीएसटी जागरूकता एवं अनुपालन विषय...

More like this

पीएम मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री कीर स्टार्मर की मुंबई में मुलाकात: FTA लागू करने पर बनी सहमति, भारत-UK संबंध होंगे मजबूत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को मुंबई के राजभवन में ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर...

Russian Submarine Near Japan: जापान के पास रूसी परमाणु पनडुब्बी की तैनाती से वैश्विक तनाव बढ़ा

Russian Submarine Near Japan:जापान के पास रूस द्वारा पहली बार परमाणु पनडुब्बी की तैनाती...