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ट्रंप की सुरक्षा क्या वेश्याओं संग होटल में सोने वाले सीक्रेट सर्विस एजेंटों के भरोसे थी, 27 हजार करोड़ खर्च फिर भी चूक

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वॉशिंगटन:

14 अप्रैल, 2012 की बात है, जब अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा थे। उस दौरान राष्ट्रपतियों और पूर्व राष्ट्रपतियों की सुरक्षा में लगी अमेरिका की जानी-मानी खुफिया एजेंसी सीक्रेट सर्विस के 11 एजेंटों को जबरन छुट्टी पर भेज दिया गया। ये एजेंट राष्ट्रपति ओबामा की सुरक्षा में लगे थे, जब उनका कोलंबिया दौरा होना था। दौरे से पहले वहां पहुंची सीक्रेट सर्विस के ये एजेंट सिक्योरिटी को ताक पर रखकर कोलंबिया के कार्टाजेना के एक होटल के कमरों में वेश्याओं को लेकर आए थे। यह बात तब खुली, जब इन वेश्याओं में से एक के साथ पेमेंट को लेकर विवाद हो गया। यह खबर उस वक्त अमेरिकी मीडिया में सुर्खियां बनी। इस घटना के बाद सीक्रेट सर्विस ने अपने एजेंटों के लिए कुछ नए नियम लागू किए। इनमें यह नियम भी बनाया कि अगर कोई एजेंट सुरक्षा में लगा हुआ है तो उसे 10 घंटे पहले से ऐसे होटलों या इमारतों में जाने की अनुमति नहीं होगी। साथ ही उसे 10 घंटे पहले से शराब पीने की भी मनाही होगी। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर हमले के बाद सीक्रेट सर्विस पर फिर ये सवाल मंडराने लगे हैं कि क्या ट्रंप की सुरक्षा में चूक ऐसी ही लापरवाहियों का नतीजा है या कुछ और? आइए- समझते हैं।

शराब पीकर व्हाइट हाउस परिसर में घुस गए दो एजेंट
सीएनएन की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसी तरह 2015 में भी दो सीनियर सीक्रेट सर्विस एजेंट शराब के नशे में व्हाइट हाउस परिसर में कार लेकर घुस गए और एक बैरियर से टकरा गए। इस घटना की जांच करने वाली यूनाइटेड स्टेट्स हाउस कमेटी ऑन ओवरसाइट एंड गवर्नमेंट रिफॉर्म के अध्यक्ष जेसन शैफेट्ज थे। खुद शैफेट्ज ने कभी यह नहीं बताया कि उन्होंने 2000 के दशक में एजेंसी की नौकरी पाने के लिए आवेदन किया था, जिसे रिजेक्ट कर दिया गया था।

बदले की आग में मीडिया में लीक कर दी जानकारी
सितंबर 2015 में एजेंसी के बारे में यह जानकारी लीक कर दी गई कि उसके असिस्टेंट डायरेक्टर एड लॉवेरी सहित 18 सीक्रेट सर्विस कर्मचारियों या सुपरवाइजरों ने एजेंसी में नौकरी पाने के लिए आवेदन किया था, जिसमें वो सभी फेल हो गए थे। हालांकि, बाद में लॉवेरी को यह नौकरी मिल गई थी। उस वक्त यह मामला इतना उछला कि एजेंसी के निदेशक जो क्लैंसी को शैफेट्ज से माफी मांगनी पड़ी।

उपराष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे एक एजेंट ने बुलाई कॉलगर्ल
इसी तरह मार्च 2017 की बात है, जब अमेरिका के उपराष्ट्रपति माइक पेंस थे। उस वक्त उनकी सुरक्षा में लगे सीक्रेट सर्विस के एक एजेंट को सस्पेंड कर दिया गया था। दरअसल, उस एजेंट ने मैरीलैंड के एक होटल में कॉलगर्ल बुलाई थी, जिससे मुलाकात के दौरान उसे रंगेहाथ पकड़ा गया था।

बाइडेन के इजराइल दौरे के वक्त महिला पर किया हमला
जुलाई 2022 में जब राष्ट्रपति जो बाइडेन मध्य पूर्व की यात्रा पर थे। उस वक्त भी माचेन येहुदा के होटल में राष्ट्रपति की सुरक्षा में लगे सीक्रेट एजेंट ने एक महिला पर हमला कर दिया था। अमेरिकी सरकार ने फौरन उस एजेंट को इस्राइल से अमेरिका भेज दिया था। उस एजेंट को इजराइली पुलिस ने कुछ समय के लिए हिरासत में लेकर पूछताछ की थी।

सीक्रेट सर्विस की लापरवाही की वजह क्या है
यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस का आदर्श वाक्य है-भरोसे और विश्वास के योग्य। वॉशिंगटन पोस्ट के कैरोल लियोनिग की एक नई किताब ‘जीरो फेल: द राइज एंड फॉल ऑफ द सीक्रेट सर्विस’ इस खुफिया एजेंसी की अभूतपूर्व संकट की स्थिति में होने की एक अलग तस्वीर पेश करती है। इस किताब के अनुसार, सीक्रेट सर्विस के संकट के दौर से गुजरने की दो प्रमुख वजहें हैं। पहला यह कि सीक्रेट सर्विस बहुत सारे राज रखती है। लेकिन, कई बार उनका यह राज ही उनकी गलतियों को छुपाता है। उनके कदाचार को भी छिपाया जाता है, जिसे लोकतंत्र में कोई बर्दाश्त नहीं कर सकता।

ट्रंप ने किया सीक्रेट सर्विस का राजनीतिकरण
किताब के अनुसार, सीक्रेट सर्विस दरअसल अमेरिका की होमलैंड सिक्योरिटी की सौतेली संतान की तरह बन गई। वह 18 एकड़ में फैले व्हाइट हाउस को दुनिया का सबसे सुरक्षित परिसर बनाने पर काम करती है। किताब में कहा गया है कि डोनाल्ड ट्रंप जैसे नेताओं ने इस सीक्रेट सर्विस का राजनीतिकरण कर दिया। इसके मुखिया और अधिकारी नेताओं के राजनीतिक अभियानों, प्रदर्शनकारियों को शांतिपूर्ण तरीके से जबरन हटाना, राष्ट्रपति की छवि को चमकाने जैसे काम करने लगे। इस वजह से सीक्रेट सर्विस अपने मूल मिशन से चूकती जा रही है।

फर्स्ट फैमिली और राष्ट्रपति पद के प्रत्याशियों की सुरक्षा
सीक्रेट सर्विस के एजेंट्स अमेरिका की फर्स्ट फैमिली यानी राष्ट्रपति और उनकी पत्नी और बच्चों की सुरक्षा करते हैं। इसके अलावा, सीक्रेट सर्विस वाइस प्रेसीडेंट, निर्वाचित राष्ट्रपति, निर्वाचित उप राष्ट्रपति, पूर्व राष्ट्रपतियों और उनके परिवार, राष्ट्रपति उम्मीदवारों, प्रांतों के प्रमुखों और विदेशों में जाने वाले स्पेशल अमेरिकी मिशन प्रमुखों की सुरक्षा करती है। 11 सितंबर, 2011 के आतंकी हमलों के बाद से सीक्रेट सर्विस देश की गैर राजनीतिक घटनाओं पर भी नजर रखती है, जो आतंकियों के निशाने पर हो सकते हैं।

लिंकन ने जिस दिन बनाई सीक्रेट सर्विस, उसी दिन हत्या
अमेरिका में दास प्रथा खत्म करने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने देश की अर्थव्यवस्था को नष्ट करने वाली जाली मुद्रा की समस्या को रोकने के लिए एक आयोग की स्थापना की। लिंकन ने आयोग की सिफारिशों के आधार पर 14 अप्रैल, 1865 को यूनाइटेड स्टेट्स सीक्रेट सर्विस का गठन किया। आधिकारिक तौर पर सीक्रेट सर्विस 5 जुलाई, 1865 को वजूद में आई। जिस दिन लिंकन ने सीक्रेट सर्विस बनाई, उसी दिन शाम को वॉशिंगटन डीसी के फोर्ड थिएटर में एक अभिनेता जॉन विल्क्स बूथ ने उनकी गोली मारकर हत्या कर दी।

अमेरिका के खजाने की सुरक्षा करते हैं सीक्रेट एजेंटस
सीक्रेट सर्विस अमेरिका की सबसे पुरानी संघीय जांच एजेंसियों में से एक है। इस वक्त करीब 4500 एजेंट्स व्हाइट हाउस की सुरक्षा में दिन-रात लगे रहते हैं। ये एजेंट्स ट्रेजरी बिल्डिंग यानी अमेरिकी खजाने की सुरक्षा करते हैं। इसके अलावा, सीक्रेट एजेंट्स वॉशिंगटन स्थित विदेशी राजनयिक मिशनों की भी सुरक्षा करते हैं। 1901 में राष्ट्रपति विलियम मैककिनले की हत्या के बाद सीक्रेट सर्विस का मुख्य काम राष्ट्रपतियों और उपराष्ट्रपतियों की सुरक्षा करना हो गया।

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