इंफाल
मणिपुर के मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह ने रविवार को राज्यपाल अजय कुमार भल्ला को अपना इस्तीफा सौंप दिया। उनके साथ 14 बीजेपी और NPF विधायक भी थे। राज्य बीजेपी अध्यक्ष ए शारदा और वरिष्ठ बीजेपी नेता संबित पात्रा भी उनके साथ थे। सिंह के इस्तीफे के पीछे राज्य में बढ़ता राजनीतिक तनाव मुख्य कारण था। दरअसल विपक्षी कांग्रेस उनकी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की कोशिश कर रही थी। एक दिन पहले ही सिंह ने 10 फरवरी से शुरू होने वाले विधानसभा सत्र पर चर्चा करने के लिए BJP गठबंधन के विधायकों के साथ बैठक की थी। राज्यपाल को लिखे अपने पत्र में सिंह ने केंद्र सरकार के हस्तक्षेप और विकास पहलों के लिए आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि मणिपुर की सेवा करना उनके लिए सम्मान की बात रही है।
2023 में बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद क्या हुआ?
2023 में बीरेन सिंह राज्य में जारी जातीय हिंसा पर बढ़ते दबाव के बाद इस्तीफा देने की कोशिश में राजनीतिक उथल-पुथल के केंद्र में थे। यह पूरा घटनाक्रम विरोध प्रदर्शनों और फटे हुए इस्तीफे वाले पत्र से भरा रहा। हजारों समर्थकों, ज्यादातर बुजुर्ग महिलाओं ने राजभवन जाने के उनके काफिले को रोक दिया। तब एन बीरेन सिंह अपनी गाड़ी से उतरे और उन्हें समझाने की कोशिश की, लेकिन वे नहीं मानीं। इससे उन्हें घर लौटना पड़ा। उनके घर के बाहर छह घंटे तक चले प्रदर्शन का नाटकीय अंत हुआ। कैबिनेट मंत्री एल सुशिंद्रो मेइती ने भीड़ के सामने बीरेन सिंह का इस्तीफा पढ़ा। तभी महिलाओं ने उसे उनके हाथों से छीन लिया और फाड़ दिया।
सीएम ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी
आखिरकार सीएम बीरेन सिंह को सोशल मीडिया पर यह स्पष्ट करने के लिए मजबूर होना पड़ा कि वह इस्तीफा नहीं देंगे। उन्होंने ट्विटर पर पोस्ट किया कि इस महत्वपूर्ण मोड़ पर मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि मैं मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा नहीं दूंगा।
राज्य में कैसी थी चुनौतियां
दरअसल उस समय सुरक्षा बलों पर भारी दबाव था। उन्हें विरोध प्रदर्शनों और मेइती और कुकी समुदायों के बीच हिंसक झड़पों, दोनों से निपटना था। भड़काऊ सामग्री के वायरल होने को रोकने के लिए राज्य में इंटरनेट बंद सहित सख्त प्रतिबंध लगाए गए थे। जैसे-जैसे स्थिति बिगड़ती गई, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने मणिपुर का दौरा किया और राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की। उन्होंने शांति की अपील की और कहा कि हिंसा कोई समाधान नहीं है।
बीरेन सिंह के इस्तीफे पर उठते सवाल?
रविवार को राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने के बाद बीरेन सिंह ने 14 BJP और NPF विधायकों के साथ दिल्ली का दौरा किया था। उनके साथ BJP के प्रदेश अध्यक्ष और संबित पात्रा भी थे। यह स्पष्ट नहीं है कि दिल्ली में क्या बातचीत हुई? इसके बाद सिंह ने राजभवन जाकर इस्तीफा देने का फैसला किया। हालांकि, यह माना जा रहा है कि पार्टी के अंदरूनी कलह और बढ़ता राजनीतिक दबाव इसके पीछे मुख्य कारण रहे होंगे।