भोपाल:
भोपाल के कोलार इलाके में एक एमबीबीएस छात्रा ने जान दे दी। छात्रा का नाम रिमझिम श्रीवास्तव था और वह उज्जैन की रहने वाली थी। वह रामकृष्ण मेडिकल कॉलेज में दूसरे साल की छात्रा थी। उसके माता-पिता उससे मिलने उज्जैन से भोपाल आए थे और कुछ घंटे बाद ही यह दुखद घटना घटी। छात्रा ने एक पत्र भी छोड़ा है, लेकिन उसमें ऐसा कदम उठाने का कारण स्पष्ट नहीं है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
रिमझिम श्रीवास्तव उज्जैन की रहने वाली थी। वह भोपाल के रामकृष्ण मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस द्वितीय वर्ष की छात्रा थी। वह कोलार क्षेत्र की दृष्टि सिटी कॉलोनी में किराए के कमरे में रहती थी। मंगलवार को उसके माता-पिता उससे मिलने उज्जैन से भोपाल आए थे। शाम करीब छह बजे वे उससे मिलकर वापस उज्जैन लौट गए। लगभग दो घंटे बाद, रिमझिम के दोस्तों ने उसे अपने कमरे में ऐसी हालत में पाया कि उनके पैरों तले जमीन खिसक गई।
दोस्तों ने इस हालत में पाया
रिमझिम के दोस्तों ने बताया कि उन्होंने उसे कई बार फोन किया, लेकिन उसने फोन नहीं उठाया। चिंतित होकर वे उसके कमरे पर गए। बार-बार दरवाजा खटखटाने पर भी कोई जवाब नहीं मिला। इसके बाद उन्होंने पड़ोसियों की मदद से दरवाजा तोड़ा। अंदर का दृश्य देखकर वे सन्न रह गए। रिमझिम को उस हालत में देख दोस्तों ने तुरंत उसे रामकृष्ण अस्पताल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
लिखा- सॉरी मम्मी पापा
पुलिस को घटनास्थल से एक नोट मिला है। इस एक पन्ने के इस पत्र में रिमझिम ने लिखा है मम्मी-पापा सॉरी मुझे माफ कर देना और अपना ध्यान रखना। हालांकि नोट में ऐसा कदम उठाने का कारण नहीं बताया गया है। पुलिस ने नोट को फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी में जांच के लिए भेज दिया है।
परिवार ने की जांच की मांग
कोलार थाने के एसआई जोगेंद्र नेगी ने बताया कि रिमझिम 20 साल की थी। उसके पिता संजय श्रीवास्तव एक फार्मा कंपनी में काम करते हैं। उन्होंने पुलिस को बताया कि रिमझिम होली पर घर नहीं आ रही थी, इसलिए वे उससे मिलने भोपाल आए थे। शाम करीब छह बजे वे उसके कमरे से उज्जैन के लिए रवाना हुए थे। रात करीब आठ बजे जब वे सोनकच्छ के पास पहुँचे, तो उन्हें इस दुखद घटना की सूचना मिली। परिवार ने जांच की मांग की है।