अंबेडकर जयंती से पहले बीकानेर में शर्मनाक हरकत, बाबा साहेब की तस्वीर पर लगाई कालिख, कांग्रेस भड़की!

बीकानेर:

14 अप्रैल को संविधान निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती है। हर वर्ष इसे बड़ी श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। दलितों और वंचित वर्ग के मसीहा माने जाने वाले बाबा साहेब के प्रति हर तबके के लोगों में अपार श्रद्धा है लेकिन कुछ सिरफिरे लोग कभी कभार शर्मनाक हरकतों को अंजाम दे देते हैं। डॉ. अंबेडकर की जयंती के एक दिन पहले बीकानेर में सिरफिरों की एक हरकत सामने आई है। अज्ञात बदमाशों ने बाबा साहेब की तस्वीर पर कालिख पोत दी। इस घटना की तस्वीरें सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है। इसके बाद कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर सियासी हमला बोला है।

गैगसर गांव में बोर्ड पर लगी तस्वीर को किया ब्लैक
बीकानेर जिले के गैगसर इलाके में यह हरकत सामने आई है। एक चौराहे का नाम अंबेडकर चौराहा है जहां पहचान के लिए एक बोर्ड लगा हुआ है। इस बोर्ड पर अंबेडकर चौराहा गैगसर लिखा हुआ है और ऊपर बाबा साहेब की तस्वीर बनाई हुई है। यह बोर्ड युवा अंबेडकरवादी संगठन गैगसर की ओर से लगाया गया है। इस बोर्ड पर लगी तस्वीर पर अज्ञात बदमाशों ने कालिख पोत दी। इस घटना के बाद दलित और वंचित वर्ग के लोगों में भारी आक्रोश है। लोगों ने बीकानेर पुलिस और प्रशासन से ऐसे समाज कंटकों के खिलाफ शीघ्र कठोर कार्रवाई करने की मांग की है।

यह दलितों की अस्मिता और संविधान पर आघात है – जूली
नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जुली ने इस घटना को दलितों की अस्मिता और संविधान पर आघात बताया है। उन्होंने कहा कि ‘यह अपमान है, यह अत्याचार है, यह असहनीय है। यह सिर्फ़ कालिख नहीं, दलितों की अस्मिता और संविधान पर गहरा आघात है। नूरसर (बीकानेर) में संविधान निर्माता बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर की जयंती से एक दिन पहले उनकी प्रतिमा पर कालिख पोते जाने की घटना अत्यंत निंदनीय और पीड़ादायक है।’ जुली ने इस हरकत की निंदा करते हुए कहा कि ‘बाबा साहेब सिर्फ़ एक व्यक्ति नहीं, बल्कि करोड़ों दलितों, वंचितों और शोषितों की उम्मीद और आवाज़ हैं। उनकी प्रतिमा पर हमला एक मूर्ति पर नहीं, बल्कि उस संविधान पर है जिसने हमें समानता, समता और न्याय का अधिकार दिया।

महापुरुषों का अपमान रोक नहीं पा रही सरकार
बाबा साहेब की तस्वीर पर कालिख पोतने वाली घटना के बाद कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार को भी निशाने पर लिया है। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि भाजपा के शासन में लगातार महापुरुषों का अपमान हो रहा है। यह चिंताजनक ही नहीं बल्कि असहनीय है। इस प्रकार की घटनाएं न केवल समाज को विभाजित करने का प्रयास हैं, बल्कि भारत की लोकतांत्रिक नींव पर भी हमला हैं। घटना को लेकर सामाजिक संगठनों और आमजन में आक्रोश है। जुली ने सरकार से मांग की कि इस मामले पर तुरंत संज्ञान लिया जाए और दोषियों के खिलाफ सख़्त से सख़्त कार्रवाई कर उन्हें गिरफ्तार किया जाए।

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