सैलानियों को बचाने के लिए आतंकियों से भिड़ा, बंदूक छीनी, जानिए टट्टू वाला अंतिम दम तक कैसे लड़ता रहा

श्रीनगर

जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में मंगलवार को आतंकवादियों ने अंधाधुंध गोलियां चलानी शुरू कर दी। इससे वहां मौजूद पर्यटकों में अफरा-तफरी मच गई। टूरिस्ट डर के मारे इधर-उधर भागने लगे। इस दौरान, सैयद आदिल हुसैन शाह नाम के एक टट्टू चलाने वाला ने बहादुरी दिखाई और आतंकवादियों से उनकी बंदूक छीनने की कोशिश की। हालांकि इस दौरान आदिल हुसैन मारे गए।

पर्यटक को बचाने के लिए आतंकवादी से लड़ गए
आदिल हुसैन पर्यटकों को घोड़े पर घुमाते थे। उन्होंने एक आतंकवादी से राइफल छीनने की कोशिश की। सैयद आदिल हुसैन शाह पर्यटकों को कार पार्किंग से बैसारन यानी घास का मैदान तक ले जाते थे। वहां पैदल ही जाया जा सकता है। बंदूक छीनने की कोशिश के दौरान आतंकवादी ने उन्हें गोली मार दी। आदिल हुसैन ने उस पर्यटक को बचाने की कोशिश की थी।

परिवार में कमाने वाले अकेले थे आदिल शाह
रिपोर्ट्स के मुताबिक आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और उनसे कलमा पढ़ने को कहा। इसके बाद उन्होंने 28 पर्यटकों को मार डाला। आदिल हुसैन इस हमले में मारे जाने वाले एकमात्र स्थानीय व्यक्ति थे। आदिल हुसैन अपने परिवार के एकमात्र कमाने वाले सदस्य थे। उनके परिवार में उनके बूढ़े माता-पिता, पत्नी और बच्चे हैं। परिवार ने न्याय की गुहार लगाई है।

पिता बोले-हत्यारों को सजा मिले
आदिल के पिता, सैयद हैदर शाह ने बताया, ‘मेरा बेटा कल पहलगाम काम करने गया था। दोपहर करीब 3 बजे, हमें हमले के बारे में पता चला। हमने उसे फोन किया, लेकिन उसका फोन स्विच ऑफ था। बाद में, 4.40 बजे, उसका फोन चालू हुआ, लेकिन किसी ने जवाब नहीं दिया। हम तुरंत पुलिस स्टेशन गए। तब हमें पता चला कि उसे हमले में गोली लगी है, जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उसे सजा मिलनी चाहिए।’

इस घटना से पूरे इलाके में शोक की लहर है। लोगों का कहना है कि आदिल शाह ने अपनी जान की परवाह किए बिना दूसरों को बचाने की कोशिश की। उनकी बहादुरी को हमेशा याद रखा जाएगा। पुलिस मामले की जांच कर रही है और दोषियों को पकड़ने की कोशिश कर रही है।

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