जम्मू-कश्मीर में एक और आतंकी हमला, सोशल एक्टिविस्ट को भी नहीं बख्शा, कुपवाड़ा में मारे गए गुलाम रसूल मगरे 

नई दिल्ली

पहलगाम आतंकी हमले के बाद जब पूरे जम्मू और कश्मीर में सुरक्षा बलों के जवान अलर्ट मोड पर हैं, ऐसे वक्त में भी आतंकवादियों ने एक सामाजिक कार्यकर्ता की गोली मारकर हत्या कर दी। पुलिस अफसरों के मुताबिक, मारे गए शख्स की पहचान गुलाम रसूल मगरे के रूप में हुई है।

आतंकियों ने शनिवार देर रात को कुपवाड़ा जिले के कानी खास इलाके में स्थित उनके घर में घुसकर उन पर गोलियां दागीं। पुलिस के मुताबिक, मगरे को अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। मगरे की उम्र 44 साल थी। अभी तक इस घटना की जिम्मेदारी किसी आतंकी संगठन ने नहीं ली है। पुलिस घटना की जांच कर रही है।

2000 से ज्यादा लोग हिरासत में
बताना होगा कि पहलगाम में 26 लोगों की हत्या किए जाने के बाद घाटी में चप्पे-चप्पे पर जम्मू और कश्मीर पुलिस और सुरक्षा बलों के जवान मौजूद हैं लेकिन इतने सख्त इंतजाम के बाद भी आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दे दिया। पहलगाम आतंकी हमले के बाद सुरक्षा बल कश्मीर में बड़े पैमाने पर कार्रवाई कर रहे हैं। कई आतंकियों के घरों को विस्फोट कर उड़ा दिया गया है या उन पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है। जबकि 2000 से ज्यादा लोगों को अब तक पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है।

एनआईए को सौंपी गई जांच
केंद्रीय गृह मंत्रालय के निर्देश पर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने पहलगाम आतंकी हमले की जांच अपने हाथ में ले ली है। इस मामले में एक नई एफआईआर भी दर्ज की गई है। अब तक की जांच में पता चला है कि कम से कम चार आतंकवादी बैसरन में घास के मैदान में आए और अमेरिका में बनी एम4 कार्बाइन असॉल्ट राइफलों और एके-47 से गोलीबारी की।

कड़ी से कड़ी सजा देंगे- मोदी
भारत ने कहा है कि पहलगाम आतंकी हमले को अंजाम देने वाले दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने मन की बात कार्यक्रम में कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में 1.4 अरब भारतीयों की एकजुटता हमारी सबसे बड़ी ताकत है। उन्होंने कहा कि इस हमले के अपराधियों और साजिशकर्ताओं को कड़ी से कड़ी सजा दी जाएगी। मोदी ने कहा है कि ऐसे लोगों को कल्पना से परे सजा दी जाएगी।

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