UNSC में सीमा पार आतंकवाद का मुद्दा! भारत ने की ऐसी तैयारी, दुनिया के सामने पानी-पानी होगा पाकिस्तान

नई दिल्ली:

पहलगाम हमले के बाद से भारत लगातार पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान को चौतरफा घेरने की कवायद में जुटा है। इसके लिए हर कूटनीतिक कदम उठाए जा रहे। भारत अब संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में एक बड़ा कदम उठाने की तैयारी कर रहा है। यह कदम सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा शुरू करने के लिए है। भारत का ध्यान पाकिस्तान से संचालित होने वाले उन आतंकी संगठनों पर है जो जम्मू और कश्मीर में सक्रिय हैं। पहलगाम आतंकी हमले में 26 नागरिकों की जान चली गई थी। भारत अब इस टेररिस्ट अटैक में पाकिस्तान की भूमिका को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उजागर करना चाहता है।

यूएनएससी पाकिस्तान को घेरने की तैयारी
पाकिस्तान पर लगातार सीमा पार से आतंकवाद को बढ़ावा देने की बात सामने आते रही है। भारत ने इस मुद्दे को दुनिया के कई देशों के सामने उठाया भी है। यूएनएससी में सीमा पार आतंकवाद पर चर्चा शुरू कराने को लेकर भारत ने इसके 15 में से 13 सदस्य देशों का समर्थन हासिल कर लिया है। इन देशों में चीन और पाकिस्तान शामिल नहीं हैं।

सीमा पार आतंकवाद का उठेगा मुद्दा
भारत इस मुद्दे को द्विपक्षीय राजनीतिक विवाद के बजाय एक अंतरराष्ट्रीय आतंकी खतरे के रूप में पेश करेगा। भारत का यह कदम इस बात पर आधारित है कि लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और जैश-ए-मोहम्मद (JeM) जैसे आतंकी समूहों को पाकिस्तान की सेना और खुफिया एजेंसी से मदद मिलती है।

पड़ोसी मुल्क को अलग-थलग करने का प्लान
अगर UNSC में इस मुद्दे पर चर्चा होती है, तो सीमा पार से होने वाले हमलों की बढ़ती संख्या को पूरी दुनिया के सामने रखा जाएगा। पहलगाम हमले की जिम्मेदारी पहले ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ नाम के एक LeT के संगठन ने ली थी, लेकिन बाद में इससे इनकार कर दिया। भारतीय खुफिया एजेंसी ने इस हमले को नियंत्रण रेखा के पार बैठे हैंडलर्स से जोड़ा है।

पाकिस्तान ने की है अलग ही तैयारी
इस बीच, पाकिस्तान UNSC में अपनी बात रखने की कोशिश कर रहा है। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, इस्लामाबाद परिषद को भारत की आक्रामक कार्रवाइयों, बार-बार उकसाने और भड़काऊ बयानों के बारे में बताएगा। पाकिस्तान का कहना है कि इससे क्षेत्रीय और वैश्विक शांति और स्थिरता को खतरा है।

सिंधु जल संधि का मुद्दा उठाएगा पड़ोसी
पाकिस्तान की ओर से यूएनएससी में भारत द्वारा सिंधु जल संधि को निलंबित करने का मुद्दा उठाने की तैयारी है। पाकिस्तान इसे गैरकानूनी और एकतरफा प्रयास और अंतरराष्ट्रीय दायित्वों का उल्लंघन बता रहा है। इस्लामाबाद UNSC से अपनी प्राथमिक जिम्मेदारी निभाने और इन मामलों को हल करने के लिए कदम उठाने का आग्रह कर रहा है। भारत की यह रणनीति UNSC में 2021-2022 के दौरान गैर-स्थायी सदस्य के रूप में उसके कार्यकाल पर आधारित है। उस दौरान भारत ने आतंकवाद का मुकाबला करने के लिए वैश्विक सहमति की आवश्यकता पर जोर दिया था।

15 में से 13 यूएनएससी सदस्यों का भारत को सपोर्ट
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद को UNSC की औपचारिक चर्चा में लाने का यह प्रयास उसी दिशा में एक कदम है। 15 में से 13 UNSC सदस्यों का समर्थन प्राप्त करके, भारत न केवल पाकिस्तान को अलग-थलग कर रहा है, बल्कि परिषद में स्थायी सीट के लिए अपनी दावेदारी को भी मजबूत कर रहा है। यह कदम दिखाता है कि नई दिल्ली का प्रभाव बढ़ रहा है और वह क्षेत्रीय विवादों को अंतरराष्ट्रीय सुरक्षा चिंताओं के रूप में पेश करने में सक्षम है।

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