6.6 C
London
Wednesday, December 24, 2025
Homeराष्ट्रीयजानते हैं किसने गढ़ा नई संसद की छत पर बनाए गए अशोक...

जानते हैं किसने गढ़ा नई संसद की छत पर बनाए गए अशोक स्तंभ को?

Published on

मूर्ति शिल्पियों लक्ष्मण व्यास और सुनील देवड़े ने गढ़ा है उस अशोक स्तंभ को, जिसे देश की नई संसद की छत पर स्थापित किया गया है। इस अशोक स्तंभ के अलग-अलग भागों को दिल्ली, जयपुर और औरंगाबाद में लक्ष्मण व्यास और सुनील देवड़े ने अपने-अपने स्टूडियो में बनाया। दरअसल नई संसद के निर्माण का कॉन्ट्रैक्ट टाटा ग्रुप को मिला है। उसकी तरफ से लक्ष्मण व्यास तथा सुनील देवड़े को अशोक स्तंभ बनाने का दायित्व मिला था। ये बेहद खास प्रोजेक्ट दो मूर्तिकारों को इसलिए दिया गया क्योंकि ये वास्तव में बड़ा काम था। भारत के चोटी के मूर्तिशिल्पी राम सूतार की तरफ से भी अशोक स्तंभ के निर्माण करने की इच्छा जताई गई थी। पर उन्हें यह अहम काम नहीं मिल सका। महान मूर्तिशिल्पी राम सूतार के पुत्र और स्वय़ं सिद्ध मूर्तिशिल्पी अनिल सूतार ने कहा कि जो राष्ट्रीय चिह्न संसद भवन में स्थापित हुआ है, वह उस अशोक बहुत स्तंभ से अलग है जो सारनाथ के संग्रहालय में है। संसद में लगे अशोक स्तंभ में शेरों के भाव बिल्कुल अलग दिख रहे हैं।

​IGI एयरपोर्ट में लक्ष्मण व्यास की कृतियां
अगर बात राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तंभ से हटकर करें तो सुनील देवड़े तथा लक्ष्मण व्यास पहले भी कई महत्वपूर्ण प्रतिमाएं बना चुके हैं। व्यास ने हरियाणा के पलवल में लगी महाराणा प्रताप की विशाल धातु प्रतिमा भी है। इसके अलावा, उन्होंने परशुराम जी की आदमकद प्रतिमाएं भी बनाई हैं। लक्ष्मण व्यास ने ही इंदिरा गांधी इंटरनैशनल एयरपोर्ट पर हाथियों की कुछ मूरतें भी बनाईं हैं। राम किंकर और देवीप्रसाद राय चौधरी जैसे मूर्ति शिल्पियों के काम से प्रभावित 46 साल के लक्ष्मण व्यास ने अभी तक करीब 300 आदमकदम और धड़ प्रतिमाएं बनाई हैं। इसके अलावा बहुत से प्रतीकों की भी मूर्तियां बना चुके हैं। राजधानी में स्थापित ग्यारह मूर्ति को महान मूर्तिकार देवीप्रसाद राय चौधरी ने बनाया था। उनका चित्रकला और मूर्तिकला, दोनों विषयों पर समान अधिकार था। वे ओरियंटल आर्ट स्कूल (कोलकाता) से शिक्षा ग्रहण कर वहीं शिक्षक बन गये। इसी तरह से राम किंकर ने रिजर्व बैंक बिल्डिंग के बाहर लगी यक्ष और यक्षिणी की अप्रतिम मूर्तियों को बनाय़ा था। रामकिंकर ने कंक्रीट, मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस और अन्य उपलब्ध संसाधनों से आकर्षक मूर्तियां तैयार कीं।

​किससे प्रेरित अतुल्नीय मूर्तिकार
मुंबई के जे.जे. स्कूल आफ आर्ट्स में पढ़े सुनील देवड़े उस वक्त मौजूद थे जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अशोक स्तंभ देश के सामने प्रस्तुत किया। उन्होंने अजंता-एलोरा की गुफाओं पर कई अतुल्नीय प्रतिमाएं बनाई हैं। ये अजंता एलोरा के विजिटर्स सेंटर पर रखी हैं। उनके काम पर महाराष्ट्र के महान मूर्तिकार सदाशिव साठे का असर दिखाई देता है। सदाशिव साठे ने देश के महापुरुषों की अनेक प्रतिमाएं बनाईं। महात्मा गांधी की शहादत के करीब तीन वर्षों के बाद सरकार ने मुंबई के मूर्तिशिल्पी सदाशिवराव साठे को राष्ट्रपिता की एक आदमकद प्रतिमा को बनाने का जिम्मा सौंपा। इस मूरत को राजधानी के चांदनी चौक स्थित टाउन हॉल के बाहर स्थापित किया था। यह प्रतिमा 1952 में स्थापित हुई थी। गांधी जी की देश या राजधानी में लगी संभवत: यह पहली आदमकद प्रतिमा है। इस मूर्ति में भाव और गति का कमाल का संगम देखने को मिलता है।

Latest articles

कलश यात्रा के साथ भागवत कथा का शुभारंभ, पहले दिन उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़

भोपाल।अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त कथा वाचक मनोज अवस्थी जी के मुखारबिंदु से आज प्रथम दिवस...

एनएमडीसी को मिले नए डायरेक्टर (पर्सनल), बीएचईएल के डायरेक्टर कृष्णा कुमार ठाकुर का चयन एनएमडीसी में

नई दिल्ली।लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने एनएमडीसी लिमिटेड (शेड्यूल-ए) में डायरेक्टर (पर्सनल) पद...

More like this

एनएमडीसी को मिले नए डायरेक्टर (पर्सनल), बीएचईएल के डायरेक्टर कृष्णा कुमार ठाकुर का चयन एनएमडीसी में

नई दिल्ली।लोक उद्यम चयन बोर्ड (पीईएसबी) ने एनएमडीसी लिमिटेड (शेड्यूल-ए) में डायरेक्टर (पर्सनल) पद...

एयर इंडिया के विमान का एक इंजन हवा में बंद

नई दिल्ली।एयर इंडिया के एक अंतरराष्ट्रीय विमान में उड़ान के दौरान अचानक एक इंजन...

छोटे रूट और सीजन टिकट यात्रियों को राहत

नई दिल्ली।रेलवे ने छोटे रूट पर यात्रा करने वाले करोड़ों यात्रियों को बड़ी राहत...