ICC : भारतीय टीम के उप-कप्तान ऋषभ पंत को मैदान पर अंपायर से भिड़ने के चलते सज़ा मिली है. ICC ने पंत के खाते में एक डिमेरिट पॉइंट जोड़ दिया है. हालांकि, विकेटकीपर-बल्लेबाज की मैच फीस नहीं काटी गई है और उन्हें सिर्फ एक चेतावनी देकर छोड़ दिया गया है. आपको बता दें कि पंत ने कप्तान शुभमन गिल के साथ मिलकर अंपायर से गेंद बदलने का अनुरोध किया था. लेकिन अंपायर ने गेंद बदलने से इनकार कर दिया, जिसके बाद पंत काफी देर तक अंपायर से बहस करते दिखे और आखिर में उन्होंने गेंद फेंक भी दी थी.
क्या था पूरा मामला
यह घटना मैच के दौरान तब हुई जब भारतीय टीम को लगा कि गेंद का आकार बदल गया है और उसे बदलने की ज़रूरत है. कप्तान शुभमन गिल के साथ ऋषभ पंत ने भी अंपायर से इस बारे में बात की. हालांकि, अंपायर ने गेंद बदलने से मना कर दिया, जिससे पंत नाखुश दिखे. टीवी रीप्ले में साफ देखा गया कि पंत अंपायर से लगातार बहस कर रहे थे और गुस्से में उन्होंने गेंद को ज़मीन पर फेंक दिया. क्रिकेट के नियमों के अनुसार, अंपायरों के फैसलों पर आपत्ति जताना या उनसे अभद्र व्यवहार करना नियमों का उल्लंघन माना जाता है.
ICC का फैसला डिमेरिट पॉइंट और वार्निंग
ICC ने इस मामले को गंभीरता से लिया और ऋषभ पंत पर कार्रवाई की. नियमों के तहत, उनके खाते में एक डिमेरिट पॉइंट जोड़ा गया है. यह पहली बार नहीं है जब किसी खिलाड़ी को मैदान पर अंपायर से बहस के लिए डिमेरिट पॉइंट मिला हो. ICC के नियमों के अनुसार, यदि किसी खिलाड़ी के खाते में निश्चित संख्या में डिमेरिट पॉइंट जमा हो जाते हैं, तो उसे निलंबन (suspension) का सामना करना पड़ सकता है. अच्छी बात यह रही कि पंत की मैच फीस में कोई कटौती नहीं की गई और उन्हें सिर्फ एक चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
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भविष्य के लिए सबक
यह घटना ऋषभ पंत के लिए एक सबक है, जिन्हें मैदान पर अपने व्यवहार को नियंत्रित करने की ज़रूरत है. एक उप-कप्तान के तौर पर उनसे बेहतर व्यवहार की उम्मीद की जाती है. हालांकि, इस घटना से यह भी ज़ाहिर होता है कि खिलाड़ी मैच के दौरान कितने दबाव में होते हैं और कभी-कभी भावनाओं में बह जाते हैं. उम्मीद है कि पंत इस घटना से सीखेंगे और भविष्य में ऐसी स्थिति से बचेंगे. क्रिकेट के मैदान पर खेल भावना और अंपायर के प्रति सम्मान बनाए रखना बेहद ज़रूरी है.