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बीजेपी की कंगना सांसद तो कांग्रेस की अनुराधा विधायक, हिमाचल के इस जिले में सभी शीर्ष पदों पर महिलाएं

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शिमला:

हिमाचल प्रदेश का लाहौल- स्पीति जिला वुमन पावर का मिसाल बन गया है। 27 अप्रैल को किरण भड़ाना को लाहौल- स्पीति का पहला डिप्टी कमिश्नर नियुक्त किया गया था। इसके साथ ही जिले के सभी शीर्ष प्रशासनिक पद महिलाएं आसीन हो गई हैं। सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने पिछले साल विधानसभा में यह घोषणा की थी कि वह एक वुमन लीडरशिप वाली जिला प्रशासन सिस्टम शुरू करेंगे। संयोग से, इस जिले की सांसद कंगना रनौत हैं। लाहौल-स्पीति जिला मंडी संसदीय क्षेत्र में आता है। कांग्रेस की अनुराधा राणा ने पिछले साल बीजेपी के रवि ठाकुर को हराकर 53 सालों में पहली महिला विधायक बनने का गौरव हासिल किया था।

सभी पदों पर महिलाएं काबिज
लाहौल और स्पीति में अब शीर्ष पदों पर महिलाएं हैं। इनमें डीसी, एसपी, एडीसी, दो एसडीएम, विधायक और जिला परिषद अध्यक्ष शामिल हैं। बीना देवी वर्तमान में जिला परिषद की अध्यक्ष हैं। स्पीति उप-मंडल के मुख्यालय काजा में हिमाचल प्रदेश प्रशासनिक सेवा की अधिकारी शिखा सिम्टिया एसडीएम और एडीसी के तौर पर काम कर रही हैं। आकांक्षा शर्मा को पिछले हफ्ते केलॉन्ग का एसडीएम नियुक्त किया गया। 2018 बैच की IPS अधिकारी इल्मा अफरोज को मार्च में लाहौल और स्पीति का एसपी बनाया गया।

क्या बोलीं किरण भड़ाना?
डीसी किरण भड़ाना पहले सूचना और जनसंपर्क सहित कई राज्य विभागों की प्रमुख रह चुकी हैं। भड़ाना का कहना है कि उन्हें सरकार की इस योजना के बारे में पता था। उन्होंने कहा कि मैंने कभी नहीं सोचा था कि मैं इस प्रयोग का हिस्सा बनूंगी। दिलचस्प बात यह है कि यह किसी भी जिले में मेरी पहली पोस्टिंग है।

उपचुनाव में जीतीं राणा
विधायक अनुराधा राणा को उम्मीद है कि यह मॉडल सफल होने पर हिमाचल प्रदेश के अन्य जिलों में भी लागू किया जाएगा। राणा रंगचा गांव की रहने वाली हैं। उन्होंने कहा कि वह जल्द ही अपने प्रशासनिक सहयोगियों के साथ बातचीत करेंगी। राणा ने मई 2024 में विधानसभा उपचुनाव लड़ा था। वह 1972 में अपनी प्रतिद्वंद्वी रवि ठाकुर की मां लता ठाकुर के बाद इस सीट का प्रतिनिधित्व करने वाली दूसरी महिला विधायक हैं।

हिमाचल में दूसरी बार हुआ ऐसा
राज्य सचिवालय के एक वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी ने बताया कि लगभग दस साल पहले, सिरमौर जिले में महिलाओं के पास महत्वपूर्ण प्रशासनिक पद थे। लेकिन, लाहौल और स्पीति ने राजनीतिक नेताओं के रूप में भी महिलाओं को नियुक्त करके एक नया रिकॉर्ड बनाया है। मुख्यमंत्री सुक्खू इस पहल के परिणाम पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। पहले भी महिलाओं पर केंद्रित योजनाएं सबसे पहले लाहौल और स्पीति में लागू की गई थीं। इसकी वजह यह है कि यह एक आदिवासी जिला है। राज्य की महत्वाकांक्षी योजना, इंदिरा गांधी प्यारी बहना सुख सम्मान निधि योजना, के तहत पात्र महिलाओं को प्रति माह 1,500 रुपये मिलते हैं।

आदिवासी बहुल है जिला
यह योजना सबसे पहले 2023 में इस जिले में शुरू की गई थी। इस जिले की आबादी लगभग 40,000 है। हिमालयी इलाका 13,841 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है, जो हिमाचल का का 25 प्रतिशत हिस्सा है। इस विधानसभा क्षेत्र में सबसे कम सिर्फ 25,967 वोटर हैं। सिस्सू में होमस्टे चलाने वाली सुनीता ठाकुर ने कहा कि उन्होंने स्थानीय मीडिया से इन नियुक्तियों के बारे में सुना। यह एक अच्छा कदम है, लेकिन इन महिला नेताओं को काम भी करना होगा।

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