MP : मध्य प्रदेश में ज़हरीली कफ सिरप पीने से कई बच्चों की मौत के मामले ने प्रशासन के भीतर हड़कंप मचा दिया है. इस दुखद घटना के बाद, राज्य सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए फार्मा कंपनी पर प्रतिबंध लगा दिया है और कई अन्य कार्रवाइयाँ जारी हैं. इसी बीच, पुलिस ने मुख्य आरोपी, श्रीसन फार्मा (Srisan Pharma) के मालिक रंगनाथन को गिरफ्तार कर लिया है. छिंदवाड़ा पुलिस अधीक्षक (SP) ने इस गिरफ्तारी की पुष्टि की है.
20,000 रुपये के इनामी रंगनाथन की गिरफ्तारी
बच्चों की मौत के लिए ज़िम्मेदार ज़हरीले कफ सिरप कोल्ड्रिफ (Coldrif) की निर्माता कंपनी श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन गोविंदान को बुधवार को चेन्नई से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने पहले रंगनाथन पर ₹20,000 का इनाम घोषित किया था. यह गिरफ्तारी इस मामले में पुलिस की एक बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि इसी कफ सिरप को पीने से मध्य प्रदेश में 21 बच्चों की जान जा चुकी है.
आरोपी विदेश भाग सकता था: SP अजय पांडे
श्रीसन फार्मा के मालिक रंगनाथन की गिरफ्तारी पर छिंदवाड़ा एसपी अजय पांडे ने जानकारी देते हुए बताया, “उसे चेन्नई में गिरफ्तार किया गया. उसके बच्चे विदेश में रहते हैं; एक अमेरिका में और कुछ कतर में. ऐसी परिस्थितियों में यह पूरी संभावना थी कि कोई विदेश भागने की कोशिश कर सकता है, इसलिए हमने उसकी भी तैयारी कर रखी थी.” एसपी ने कहा कि आरोपी को ट्रांजिट रिमांड पर मध्य प्रदेश लाया जाएगा, और यहाँ आने के बाद पुलिस रिमांड लेकर उससे कड़ी पूछताछ की जाएगी.
CM की निगरानी में पूरा मामला
बच्चों की मौत को लेकर मध्य प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री नरेन्द्र शिवाजी पटेल ने बताया कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव स्वयं इस संवेदनशील मामले की व्यक्तिगत रूप से निगरानी कर रहे हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रभावित बच्चों की जान बचाना सरकार की पहली प्राथमिकता है. मध्य प्रदेश सरकार बच्चों के इलाज का पूरा खर्च वहन करेगी और अगर ज़रूरी हुआ तो उन्हें एयर एम्बुलेंस से अन्य अस्पतालों में भी भेजा जाएगा.
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तमिलनाडु सरकार पर लापरवाही का आरोप
स्वास्थ्य मंत्री ने इस पूरे मामले में तमिलनाडु की एक फार्मा फैक्ट्री को ज़िम्मेदार ठहराते हुए तमिलनाडु सरकार और प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि दवा बनाने और लाइसेंस देने की ज़िम्मेदारी उसी राज्य की होती है, जहाँ फैक्ट्री स्थित है. उन्होंने कहा, “तमिलनाडु में एक गंभीर चूक हुई है. मध्य प्रदेश सरकार किसी भी दोषी को बख्शेगी नहीं.” यह बयान दर्शाता है कि यह मामला अब दो राज्यों के बीच प्रशासनिक जिम्मेदारी का मुद्दा भी बन गया है.

