आगरा
विश्वविख्यात स्मारकों में शामिल आगरा किला किसने बनवाया हैघ् इसकी जानकारी संरक्षण देने वाले विभाग एएसआई को नहीं है। आगरा किला बनने से पहले इस स्थान को किस नाम से पुकारा जाता था। पृथ्वीराज चौहान का आगरा किले से क्या नाता है। ऐसे कई सवालों के जवाब भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के पास नहीं है जो कि ऐतिहासिक स्मारकों की देखभाल करता है। इस मामले का खुलासा पर्यावरणविद डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य द्वारा मांगी गई सूचनाओं में हुआ है।
पर्यावरणविद डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य का मानना है कि आगरा किला को पहले बादलगढ़ का किला कहा जाता था। 11वीं शताब्दी में पृथ्वीराज चौहान के मामा बादल सिंह ने इसे बनवाया था। उस दौरान आगरा किला मिट्टी और ईंटों से बना हुआ था। जो कि सिकंदर लोधी के समय तक खंडहर हो चुका था। इसके बाद बाबर और हुमायूं ने आगरा किला की मरम्मत कराई। अकबर के शासनकाल के दौरान इसे खूबसूरत बनाया गया। डॉ. देवाशीष का कहना है कि आगरा किला पहले बलुआ पत्थर का बना था।
हैरत में आए पर्यावरणविद
कालीबाड़ी क्षेत्र के रहने वाले ईएनटी सर्जन एवं पर्यावरणविद डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य ने 27 मई 2023 को एएसआई में आरटीआई लगाई थी। जिसमें उन्होंने आगरा किला पूछा था कि आगरा किला का सबसे पहले निर्माण किसने करवाया था। उन्होंने अकबर के बारे में भी जानकारी मांगी कि अकबर ने किले में क्या परिवर्तन करवाए। वे बताते है कि 1 जून को जब उनके पास आरटीआई का जवाब आया तो वे हैरत में पड़ गए।एएसआई के सूचना अधिकारी महेश चंद्र मीणा जवाब देते हुए बताया कि इस बारे में उनके पास कोई जानकारी नहीं है। इसके लिए वे समसामयिक साहित्य पढ़ सकते हैं। उन्होंने अपीलीय अधिकारी एएसआई सुप्रीटेडेंट राजकुमार पटेल के कार्यालय में अपील दायर की है।
जानकारी छिपा रहा विभाग
आरटीआई दाखिल करने वाले डॉ. भट्टाचार्य का कहना है कि अगर आगरा किला की सच्चाई सामने आ गई तो विवाद खड़ा हो सकता है। उनका कहना है कि आगरा किला का इतिहास पता होना चाहिए। उन्होंने दावा किया है कि आगरा किला पहले बादलगढ़ किला के नाम से जाना जाता था। इब्राहिम लोधी के आने के बाद उसने इस पर कब्जा कर लिया था। इसके बाद बाबर से उसे खदेड़ दिया। अकबर ने इसे संवारा था। मगर विभाग को इस बारे में जानकारी होनी चाहिए कि आखिर आगरा किला को पहले किसने बनवाया था।