भीलवाड़ा:
राजस्थान के भीलवाड़ा से अलग होकर बने नए जिले शाहपुर के कोटडी थाना क्षेत्र में हुए ‘भट्टीकांड’ में कोर्ट का बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने यहां एक नाबालिग बच्ची के साथ गैंगरेप कर उसे जिंदा भट्टी में जला देने के मामले में फैसला सुनाया है। कोर्ट ने घटना के दो मुख्य आरोपी का दोष सिद्ध मानते हुए उन्हें दोषी करार दिया है। वहीं अन्य सात आरोपियों को बरी कर दिया गया है। यह दोनों आरोपी भाई है। जिनकी सजा सुनवाई कोर्ट ने सोमवार को रखी है।
साल 2023 में घटी थी शर्मनाक घटना
उल्लेखनीय है कि साल 2023 की 2 अगस्त को कोटड़ी थाना क्षेत्र में 17 साल की मासूम से गैंग रेप कर उसे जिंदा कोयले की भट्टी में झोंक दिया गया था। घटना में नौ लोगों को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कालू पुत्र रंगलाल कालबेलिया उम्र 25 वर्ष, पप्पू पुत्र अमर नाथ कालबेलिया उम्र 35 वर्ष सहित परिवार के अन्य सदस्य शामिल थे। पुलिस ने एक महीने में ही अनुसंधान कर भीलवाड़ा स्थित लैंगिक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम तथा बालक अधिकार संरक्षण आयोग अधिनियम संख्या दो (पोक्सो कोर्ट-2) में चालान पेश किया था। भीलवाड़ा पॉक्सो कोर्ट संख्या दो के न्यायाधीश अनिल गुप्ता ने आज इस मामले में फैसला सुनाया गया। मुख्य आरोपी कालू पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 25 वर्ष और उसके भाई काना पुत्र रंगनाथ कालबेलिया उम्र 21 वर्ष को दोषी माना है। बाकी सभी सात आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है।
एक महीने के अंदर चार्जशीट हुई थी पेश
इस मामले में राज्य सरकार की ओर से जयपुर से विशेष रूप से नियुक्त किए गए स्पेशल पी पी महावीर कानावत ने कहा कि पुलिस ने गैंगरेप और नाबालिग को जिंदा भट्टी में जला देने के मामले में अच्छी तफ्तीश की थी। एक महीने के अंदर चार्जशीट दाखिल कर दी गई थी। माननीय न्यायालय ने सात आरोपियों को दोष मुक्त कर दिया है। केस में कालू और कान्हा को आरोपी सिद्ध किया है। इसकी हम हाईकोर्ट में अपील करेंगे, बाकी बात में ऑर्डर पढ़ने के बाद ही कह पाऊंगा। दोनों मुख्य आरोपी की सजा पर मंडे को सुनवाई होगी।
परिजनों ने बरी होने वाले आरोपियों से जताया जान का खतरा
कोर्ट ने कालू और कान्हा को सभी धाराओं का दोषी माना गया है, जिसमें 376, 376 डी ,302, 326, 118, 120 बी पॉक्सो एक्ट शामिल है। इधर, कोर्ट के इस फैसले पर पीड़िता की मां और उसके परिजन बोले जिस तरह से हमारी बेटी के साथ गैंगरेप कर उसे जिंदा भट्टी में जलाया है। आरोपियों को फांसी की सजा मिलना चाहिए। इन्होंने यह भी कहा कि जिन सात को बरी किया गया है। यह हमें भी मार देंगे।
अभियोजन पक्ष की ओर से विधिक सहायता के तहत पैरवी करने वाले एडवोकेट सुनील पारीक ने कहा कि कोटडी भट्टी कांड में जो आरोपी थे। पोक्सो कोर्ट संख्या दो सात आरोपियों को दोष मुक्त कर दो को दोषी माना है, जिनकी सजा के बिंदु पर सुनवाई मंडे को रखी गई है।