चीन ने तिब्बत में एक और एयरबेस किया एक्टिव, लड़ाकू विमानों के साथ Y-20 तैनात, भारत को कितना खतरा

बीजिंग:

चीन ने तिब्बत में एक और एयरबेस को एक्टिव कर दिया है। इसका खुलासा एक ताजा सैटेलाइट तस्वीर से हुआ है। नागरी गुंसा एयरबेस से अभी तक नागरिक उड़ानों को ऑपरेट किया जा रहा था। अब इस एयरबेस पर चार लड़ाकू विमानों के अलावा एक Y-20 ट्रांसपोर्ट विमान भी नजर आया है। यह एयरबेस भारत के तीन राज्यों उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख के करीब है। यहां से 2020 में संघर्ष का बिंदु रहे डेमचोक पर हवाई निगरानी की जा सकती है। इससे पहले नागरी गुंसा एयरबेस पर अपग्रेडेशन के कार्य और बाद में ड्रोन की तैनाती की रिपोर्ट आ चुकी है।

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सैटेलाइट तस्वीर में क्या नजर आया?
ओपन सोर्स इंटेलिजेंस @detresfa_ ने एक्स पर एक सैटेलाइट तस्वीर पोस्ट कर लिखा, “तिब्बत में न्गारी गुंसा हवाई अड्डे के नव विकसित सैन्य खंड पर पहली बार लड़ाकू विमान दिखाई दे रहे हैं, जबकि लड़ाकू विमान और वाई-20 हवाई अड्डे के लिए नए नहीं हैं, इस एप्रन का उपयोग इसके हाल ही में विकसित सैन्य विंग की परिचालन तत्परता का सुझाव देता है।”

चीन के Y-20 ट्रांसपोर्ट विमान को जानें
Y-20 का आधिकारिक नाम कुनपेंग है। यह चीन का एक बड़ा सैन्य परिवहन विमान है जिसे शीआन एयरक्राफ्ट इंडस्ट्रियल कॉरपोरेशन ने पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के लिए विकसित किया है। इसे भारी माल और सैनिकों को ले जाने के लिए डिज़ाइन किया गया है। Y-20 आकार और क्षमताओं में यूएस C-17 ग्लोबमास्टर III के बराबर है। Y-20 का अधिकतम पेलोड 66 टन है और इसकी रेंज 4,500 किमी है।

भारत को कितना खतरा
चीन तिब्बत में लगतार अपने एयरबेसों को अपग्रेड कर रहा है। इसमें एयरबेसों के रनवे को बड़ा करने के साथ-साथ वहां सैनिकों के रहने के लिए बिल्डिंगें, विमानों को पार्क करने के लिए बुलेटप्रूफ हैंगर जैसी सुविधाएं विकसित की जा रही हैं। ऐसे में भारत के साथ किसी भी संघर्ष में चीन इन हवाई अड्डों का इस्तेमाल कर सकता है। नागरी गुंसा एयरबेस पर चीन ने J-11 लड़ाकू विमानों को तैनात किया है, जिनकी रेंज 3530 किलोमीटर है।

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